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Last Modified: दुबई , गुरुवार, 26 मई 2016 (19:42 IST)

फेसबुक ने मिलाया बिछड़े भारत-पाक भाई-बहनों को

फेसबुक ने मिलाया बिछड़े भारत-पाक भाई-बहनों को - Facebook, an Indian citizen, Brother Sister, Pakistani citizen
दुबई। करीब 50 साल पहले भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और अपने भाई-बहनों एवं परिवार से बिछड़े हमजा सरकार (76) ने अपने परिवार से मिलने की आस ही छोड़ दी थी लेकिन उनकी खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा, जब उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में अपने भाई-बहनों को देखा।
सरकार अब एक पाकिस्तानी नागरिक हैं। वे अबू धाबी में अपने भाई टीपी माम्मीकुट्टी (75) और बहन इय्याथु (85) से मिले, जो केरल के रहने वाले हैं। अपने भाई से मिलने के लिए माम्मीकुट्टी और इय्याथु केरल से अबू धाबी आए जबकि हमजा सरकार कराची से यहां आए। 
 
'गल्फ न्यूज' के अनुसार सरकार जब पहली बार 1951 में केरल से लापता हुए थे तब उनकी आयु मात्र 11 वर्ष थी। माम्मीकुट्टी ने कहा कि उन्हें घूमना पसंद था। हमारी मां ने एक दिन उन्हें पशुओं को चराने के लिए भेजा। वे नहीं लौटे। 
 
सरकार कोलकाता जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए थे। मैं कोलकाता से बांग्लादेश गया, जो उस समय पाकिस्तान का हिस्सा था। इसके बाद मैं कराची गया। वे करीब 18 वर्षों बाद 1968 में घर लौटे।
 
सरकार ने कहा कि मैंने अपना जीवन खतरे में डाला और भारत में राजस्थान के निकट सीमा पार की। मैं 3 सप्ताह पैदल चला और मैंने अंतत: हैदराबाद की बस पकड़ी। मैंने अपनी मां को पत्र लिखा और उन्होंने मुझे केरल आने के लिए ट्रेन का टिकट खरीदने के लिए पैसे भेजे। सरकार के साथ रहने की आस में उनके परिवार ने उनके लिए एक किराने की दुकान खोली, लेकिन सामान खरीदने के बहाने वे फिर बाहर निकल गए और कभी नहीं लौटे।
 
इय्याथु ने कहा कि हमने उसे तभी आखिरी बार देखा था। मुझे अब भी याद है कि मेरी मां उसकी तस्वीर को अपने तकिए के नीचे रखती थी और रात-रातभर रोती रहती थी। पाकिस्तान में रह रही सरकार की बेटी आसिया और माम्मीकुट्टी के अबू धाबी में रह रहे पोते नादिरशाह (23) फेसबुक की मदद से एक-दूसरे के संपर्क में आए और इस तरह 48 साल बाद सरकार के परिवार ने उन्हें ढूंढ निकाला।
 
सरकार ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में अपने भाई-बहन से कभी मिल भी पाऊंगा। मैंने बहुत लंबे समय तक इस पल का इंतजार किया है और मैं अब उन्हें छोड़कर पाकिस्तान नहीं जाना चाहता। (भाषा)
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