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Last Modified: शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2014 (11:39 IST)

बांग्लादेश के युद्ध अपराधी गुलाम आजम का निधन

बांग्लादेश के युद्ध अपराधी गुलाम आजम का निधन - Bangladesh, war criminals, Ghulam Azam, died
ढाका। वर्ष 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान हुई ज्यादतियों के लिए 90 साल की सजा काट रहे बांग्लादेश के युद्ध अपराधी गुलाम आजम का बीती रात 92 साल की उम्र में आघात के कारण निधन हो गया।
 
आजम को पिछले साल युद्ध अपराध का दोषी करार दिया गया और 90 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। कट्टरपंथी जमाए-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख आजम की यहां एक अस्पताल में हिरासत में मौत हो गई।
 
बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) के ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल मजीद भुइयां ने कहा ‘‘गुरूवार की रात आघात के कारण आजम निधन हो गया।
 
उन्होंने बताया कि आजम के स्वास्थ्य में गिरावट के कारण उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया और इसके करीब एक घंटे बाद रात लगभग 10 बजकर 10 मिनट पर (स्थानीय समयानुसार) उनका निधन हो गया।
 
वर्ष 1971 में हुए युद्ध अपराधों के लिए आजम को चार साल पहले गिरफ्तार किया गया था। तब से उन्हें अस्पताल के जेल कक्ष में रखा गया था। वह दिल और गुर्दे के साथ साथ वृद्धावस्था में होने वाली विभिन्न समस्याओं से पीड़ित थे।
 
उनके रक्तचाप में कल तेजी से गिरावट होने के कारण डॉक्टरों ने उनकी हालत ‘गंभीर’ बताई थी। जेल के अधिकारियों ने बताया कि कारागार के नियमों के अनुसार, आजम के परिजनों को आज सुबह उनका शव सौंप दिया जाएगा।
 
आजम की मौत से एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी, खुद को विशेष न्यायाधिकरण द्वारा सुनाई गई 90 साल की सजा के खिलाफ की गई अपील विचारार्थ स्वीकार कर ली थी और मामले की सुनवाई दो दिसंबर को नियत की थी। 
 
आजम दोषी ठहराए गए दूसरे युद्ध अपराधी थे जिनकी जेल में मौत हुई है। उनसे पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व मंत्री अब्दुल अलीम की 30 अगस्त को 84 साल की उम्र में मृत्यु हो गई थी। अलीम को बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
 
आजम को देश के अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने पिछले साल 15 जुलाई को 90 साल की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ आजम ने पांच अगस्त को अपील दायर की थी।
 
इसी समय सरकार ने भी एक अपील दायर कर आजम को वर्ष 1971 में हुए नरसंहार की साजिश रचने तथा तत्कालीन पाकिस्तानी सेना का साथ देने के लिए मौत की सजा देने की मांग की थी।
 
न्यायाधिकरण ने पिछले साल सजा सुनाते हुए कहा था कि 1971 में किए गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए आजम मौत की सजा के हकदार हैं लेकिन उनकी उम्र तथा कमजोर स्वास्थ्य को देखते हुए न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय पैनल ने उन्हें 90 साल की सजा सुनाई थी।
 
सुनवाई के दौरान आजम के वकीलों ने तर्क दिया था कि उन्होंने राजनीतिक कारणों के चलते स्वतंत्रता का विरोध किया था। अभियोजन पक्ष के वकीलों ने आजम की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से की थी। (भाषा)