चाणक्य की अनमोल और आदर्श सीख
* आचार्य चाणक्य करते हैं कि आपत्तिकाल के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। धन से स्त्री की रक्षा करनी चाहिए। धन और स्त्री से हर समय अपनी रक्षा करनी चाहिए।
* मनुष्य को चाहिए कि वह प्रतिदिन एक श्लोक यानी वेदमंत्र अथवा एक अक्षर का स्वाध्याय करें और दान धर्म के शुभ कर्मों को करता हुआ दिन को सफल बनाए, दिन को व्यर्थ न गंवाए।