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Last Modified: शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018 (23:55 IST)

डीपीएस बस हादसा : प्राचार्य सोनार की जमानत याचिका दूसरी बार निरस्त

डीपीएस बस हादसा : प्राचार्य सोनार की जमानत याचिका दूसरी बार निरस्त - DPS bus accident, bail petition, Principal Sudarshan Sona
इंदौर। इंदौर में पिछले महीने दिल्ली पब्लिक स्कूल की एक तेज रफ्तार बस के हादसे का शिकार होने के मामले में शुक्रवार को यहां की जिला अदालत ने इस निजी शिक्षण संस्थान के प्राचार्य की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस हादसे में चार स्कूली बच्चों और बस ड्राइवर की मौत हो गई थी।


विशेष सत्र न्यायाधीश बीके द्विवेदी ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद डीपीएस के प्राचार्य सुदर्शन सोनार को मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया। जमानत याचिका के पक्ष में सोनार की ओर से दलील दी गई कि वाहन चालक की लापरवाही के चलते बस हादसे का शिकार हुई और इस दुर्घटना में स्कूल प्राचार्य की कोई आपराधिक जिम्मेदारी नहीं बनती।

दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने कहा कि सोनार ने अपने ओहदे के अहम कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरती, जिसका नतीजा भीषण बस हादसे के रूप में सामने आया। चूंकि अभी मामले की जांच जारी है, लिहाजा आरोपी को जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा।

सोनार की जमानत याचिका एक निचली अदालत पहले ही रद्द कर चुकी है। पुलिस ने सोनार को स्कूल बसों के परिवहन और रखरखाव से संबंधित नियम-कायदों के उल्लंघन के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया था। पुलिस के एक अधिकारी ने मामले की जांच के हवाले से बताया कि डीपीएस की दुर्घटनाग्रस्त बस गति सीमा के नियमों को तोड़ते हुए दौड़ रही थी।

आरोप है कि डीपीएस प्रबंधन ने एक निजी कंपनी को कुछ रकम देकर उससे इस बात का फर्जी प्रमाण पत्र ले लिया था कि स्कूल बस में लगा स्पीड गवर्नर सही काम कर रहा है, जबकि वाहनों की गति सीमित करने वाले इस उपकरण को तकनीकी छेड़छाड़ के जरिए जानबूझकर खराब कर दिया गया था।

इस गड़बड़ी के खुलासे के बाद निजी स्कूल के परिवहन अधिकारी समेत पांच लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 420 (छल), 467 (जाली दस्तावेज बनाना) और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत पहले ही पकड़ा जा चुका है। इनमें स्पीड गवर्नर लगाने में फर्जीवाड़ा करने वाली एक स्थानीय फर्म का मालिक और उसके साथी शामिल हैं।
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