गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. पर्यटन
  3. देश-विदेश
  4. Gandhi Mandir
Written By

...जहां भगवान की तरह पूजते है गांधी को

...जहां भगवान की तरह पूजते है गांधी को - Gandhi Mandir
उड़ीसा का सुप्रसिद्ध 'गांधी मंदिर'
 
उड़ीसा के संबलपुर के भटारा गांव के ग्रामीणों ने एक मंदिर का निर्माण करके महात्मा गांधी की छह फीट ऊंची कांसे की मूर्ति लगवाई है। वहां के ग्रामीण इस मूर्ति की हर वर्ष गांधी जयंती, स्वतंत्रता दिवस और महात्मा गांधी की पुण्यतिथि शहीद दिवस पर पूजा करते हैं और रामधुन भी बजाते हैं।
 
दुनियाभर को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता को संबलपुर जिले के एक छोटे से गांव में भगवान के रूप में पूजा जाता है। भत्रा (भटारा) गांव में स्थित यह मंदिर सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

वहां के ग्रामीण लोग मंदिर में तिरंगे झंडे के नीचे प्रतिमा के रूप में बैठे राष्ट्रपिता के सामने नतमस्तक होकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
 
सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक इस मंदिर में उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के विभिन्न हिस्सों से लोग गांधी मंदिर आते हैं, जो शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देता है। 
 
इस मंदिर की खासियत यह है कि इस मंदिर के शिखर पर तिरंगा लहराता है, जबकि प्रवेश द्वार पर भारत माता की मूर्ति और अशोक चक्र निर्मित किया गया है।
 
गांधीवादी नेता और मंदिर बनाने का विचार प्रस्तुत करने वाले अभिमन्यु कहते है कि गांधीजी छुआछूत को खत्म करने के अभियान के तहत 1928 में पहली बार यहां आए थे। अछूत माने जाने के चलते वहां के रहवासियों को गांव तथा किसी भी मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

इसलिए सन् 1971 में उनके विधायक बनने के बाद महात्मा गांधी का मंदिर बनाने पर विचार किया, जिन्होंने छुआछूत को खत्म करने के लिए काम किया। इस कार्य के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने धन की मदद देने के साथ-साथ निर्माण कार्य में भी मदद की।
 
गांधी मंदिर की आधारशिला 23 मार्च 1971 को रखी गई थी और स्थानीय शिल्पी त्रुप्ती दासगुप्ता ने डिजाइन तैयार किया। गांधीजी की कांस्य प्रतिमा गंजम जिले के खलीकोट आर्ट कॉलेज के छात्रों द्वारा निर्मित की गई थी। 11 अप्रैल 1974 को इस मंदिर का उद्‍घाटन उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री नंदिनी सतपथी ने किया था।
 
वैसे तो गांधीजी के अनुयायी इस मंदिर में सुबह और शाम आरती के बाद उनके उपदेश पढ़ते हैं। खार तौर पर इस मंदिर में गांधी जयंती, गांधी पुण्यतिथि शहीद दिवस, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं और प्रार्थना के बाद वहां के दलित युवक हिंसा और मदिरापान से दूर रहने का संकल्प लेते हैं। 
 
साथ ही हरे राम-हरे कृष्ण का गान करके शांति का अनुभव करते हैं। इस मंदिर में पूरे वर्ष रामधुन बजने के साथ अखंड दीप जलाया जाता है।

ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें।