गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. पर्यटन
  3. देश-विदेश
  4. city of Christ baptism amman
Written By Author अनवर जमाल अशरफ

ईसा मसीह के बैपटिज्म का शहर- अम्मान

ईसा मसीह के बैपटिज्म का शहर- अम्मान - city of Christ baptism amman
जॉर्डन की लगभग 98 फीसदी आबादी मुसलिम है लेकिन ईसा मसीह का बैपटिज्म यानी बपतिस्मा इसकी राजधानी अम्मान के पास हुआ था। बैपटिज्म ईसा के जीवन के पांच अहम पड़ावों में गिना जाता है। इसके अलावा उनका रूप परिवर्तन, सलीब पर चढ़ाया जाना, पुनर्जीवन और आकाश यात्रा दूसरे चार पड़ाव हैं। बैपटिज्म की वजह से अम्मान ईसाई धर्म के लोगों के लिए पवित्र और तीर्थ का शहर बन गया है।
amman city
बैपटिज्म साइट मृत सागर के करीब और जॉर्डन नदी के किनारे स्थित है। कुछ इतिहासकार बैपटिज्म साइट को इस जगह से दूर मौजूदा फलीस्तीन के पास बताते थे। लेकिन खनन में पुरानी इमारतों के मिलने और दूसरे तथ्यों के आधार पर तय हो गया है कि ईसा मसीह का बपतिस्मा अम्मान में ही हुआ था।
 
पोप जॉन पॉल द्वितीय साल 2000 में जब इस जगह पहुंचे, तो उन्होंने कहा, 'मुझे लग रहा है कि ईसा मसीह जब जॉर्डन नदी के किनारे पहुंचे, तो वह इस जगह से ज्यादा दूर नहीं था और यहीं जॉन द बैपटिस्ट ने उनका बैपटिज्म किया।' ईसाई धर्म के मानने वाले आज भी बच्चों का बैपटिज्म कराते हैं।
amman
पोप जॉन पॉल की मुहर के बाद इस जगह की अहमियत बढ़ती चली गई और अब यह यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल हो गया है। पड़ोसी देश इराक से ईसाइयों की एक टोली जब इस जगह पहुंची, तो वे अपनी खुशी रोक नहीं पाए। इसमें शामिल एंटोनियो एहुद ने बताया कि उनके देश में 'ईसाइयों के लिए हालात खराब हो गए हैं पर यहां पहुंच कर काफी संतुष्टि मिल रही है।'
 
लंदन के जेफ्री प्राइस लगभग हर साल इस जगह आते हैं, 'मेरा मानना है कि चूंकि इस जगह पर ईसा मसीह का बैपटिज्म हुआ था, यहां एक तरह की पवित्रता महसूस की जा सकती है। मैं यह भी मानता हूं कि इस जगह के पानी में अलग शक्ति है, जो हमारी आत्मा को साफ करती है।'
jordan_river
दस लाख से भी कम आबादी वाले जॉर्डन में ज्यादातर लोग राजधानी अम्मान और इसके आस पास रहते हैं। देश की सीमा इराक, सीरिया, सऊदी अरब, इसराइल और फिलीस्तीन से मिलती है। ये सारे देश संकटग्रस्त देश हैं, जबकि जॉर्डन अपेक्षाकृत सुरक्षित है। सुरक्षित होने की वजह से यह शरणार्थियों की पनाहगाह भी बन गया है। अनुमान है कि देश की एक तिहाई आबादी शरणार्थियों की है, जिनमें फलीस्तीन और सीरिया से आए लोग सबसे ज्यादा हैं।

टूरिस्ट स्पॉटः यहां के ऐतिहासिक इलाकों में माउंट नेबू भी शामिल है। कहते हैं कि यहूदी धर्म की शुरुआत करने वाले हजरत मूसा को इसी पहाड़ी पर से ''पवित्र जगह'' (यरुशलम) के दर्शन हुए थे। इसके अलावा अम्मान मृत सागर के तट पर है। इस सागर में नमक की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसमें कोई डूब नहीं सकता। हाथ पांव छोड़ कर इसमें तैरा जा सकता है- तैरना न भी आए, तो सिर्फ पड़े रहा जा सकता है। यहां लोग त्वचा की बीमारियों के इलाज के लिए भी यहां आते हैं। यह दुनिया का सबसे निचला इलाका है - समुद्रतल से 395 मीटर नीचे।
amman church
अम्मान के पास ही प्राचीन शहर पेत्रा है, जो भव्य प्राचीन इमारतों और वास्तुकला के लिए मशहूर है। यहां रोमन काल की इमारतें हैं और गुलाबी रंग के पत्थरों की वजह से इसे गुलाबी शहर भी कहते हैं। राजधानी अम्मान से करीब 325 किलोमीटर दूर वादी रम का इलाका है, जहां खुले में एक रात बिताना बहुत सकून देता है। यह वादी बलुआ और ग्रेनाइट पत्थरों के कटने से बनी है और जॉर्डन की सबसे बड़ी वादी है। इस जहग पर बद्दुओं से भी मुलाकात हो सकती है।
 
अम्मान में रोमन काल की इमारतों की झलक भी मिलती है, जिनमें कुछ एम्पीथियेटर शामिल हैं। राजधानी में कारों का एक शानदार म्यूजियम है, जिसमें शाही घराने की इस्तेमाल की गई गाड़ियां रखी हैं। शहर में किंग अब्दुल्लाह मस्जिद भी देखने लायक है, जो 1980 के दशक में बनाई गई थी।
 
कैसे पहुंचें: भारत से अम्मान के क्वीन आलिया एयरपोर्ट के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है, लिहाजा यहां दुबई या अबु धाबी होकर जाया जा सकता है। लंदन और दूसरे यूरोपीय शहरों से यहां की सीधी उड़ानें हैं। पहले कुछ लोग इस्राएल या सीरिया आकर सड़क के रास्ते जॉर्डन जाना पसंद करते थे, जो काफी सस्ता है। लेकिन इलाके के हालात देखते हुए ऐसा करना सुरक्षित नहीं है और ऐसी यात्रा की सलाह कतई नहीं दी जा सकती है।
church
जॉर्डन के पड़ोसी देशों में अशांति और युद्ध के बावजूद यहां शांति है और दूसरे देशों के राजनीतिक हालात का इस पर कोई असर नहीं पड़ा है। सैलानी अब भी यहां आ रहे हैं। दूसरे अरब देशों से अलग इसके रिश्ते इस्राएल के साथ भी बहुत अच्छे हैं। भारतीयों को जॉर्डन जाने के लिए वीजा लेने की जरूरत नहीं है। उन्हें जॉर्डन पहुंचने पर वीजा (वीजा ऑन अराइवल) मिल जाता है। यहां की मुद्रा जॉर्डेनियन दिनार काफी महंगी है और एक दिनार की कीमत लगभग 100 रुपये है। यूरोप में नगद पैसों की जरूरत नहीं पड़ती और ज्यादातर काम क्रेडिट-डेबिट कार्ड से हो जाता है लेकिन जॉर्डन में नगद की जरूरत पड़ती है। एयरपोर्ट के अलावा शहर के कई हिस्सों में वेस्टर्न यूनियन के ठिकाने हैं, जहां पैसे बदले जा सकते हैं। एटीएम कार्ड से भी नगद निकाला जा सकता है।
 
कहां ठहरें: मृत सागर (डेड सी) के पास कई पांचसितारा होटल और रिसॉर्ट हैं, जहां रहना महंगा है। पर पास में कुछ कम महंगे होटल भी हैं। कहीं भी बुकिंग कराने से पहले होटलों की वेबसाइट अच्छी तरह खंगाल लेना चाहिए। कई बार ट्रिवागो या बुकिंग डॉट कॉम में आकर्षक ऑफर मिल जाता है। यह जगह शहर से करीब एक घंटे की दूरी पर है और शहर जाने के लिए टैक्सी लेनी पड़ती है। शहर के इस हिस्से में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है।
 
दूसरा उपाय शहर के अंदर सस्ते होटल का है। यहां की टैक्सियों का किराया भी बहुत कम है और कुछ हिस्सों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी मिल जाता है। मजेदार खाने पीने के ठिकाने तो शहर के हर हिस्से में मौजूद हैं। पूरे इलाके का मुआयना करने और मृत सागर में कुछ यादगार वक्त बिताने के लिए हफ्ते भर का प्रोग्राम तो बनाना ही चाहिए।