किस रंग में छुपा है कौन-सा केमिकल, जरूर जानें
प्रस्तुति : निवेदिता भारती
रंगों के बिना होली का त्योहार सूना है, लेकिन अगर रंगों में केमिकल की मिलावट हो तो होली का मजा आपके लिए सजा भी बन सकता है। हर्बल रंगों को छोड़ दें, तो बाजार में उपलब्ध हर रंग केमिकल से बना है, जिससे सेहत और सौंदर्य को नुकसान पहुंच सकता है। जानिए किस रंग में छुपा है कौन से केमिकल -
आजकल बाजार में सिंथेटिक रंगों की भरमार है जो नुकसानदायक केमिकल्स से तैयार किए जाते हैं। इनमें कांच का चूरा और अल्केलाइन का भी इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा रोग विशेषज्ञों के अनुसार होली के दौरान त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाने का केवल एक ही तरीका है वह है प्राकृतिक रंगों से उत्सव को मनाएं।
किस रंग में कौन सा केमिकल, पढ़ें अगले पेज पर...
होली के कई दिनों पहले से बाजार पैकबंद और खुले रंगों से भर जाता है। यह रंग केमिकल्स और धूल के साथ अन्य गंदगी से भरे हुए होते हैं और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं। इन रंगों में कई प्रकार की मिलावट की जाती है जैसे क्रोमियम, सिलिका, लेड और अल्कालाइन। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं जिनमें रंगों में कांच का चूरा पाया गया।
आइए जानते हैं कि कौन सा रंग किन केमिकलों से बना है और उनका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है साथ ही साथ उन्हीं रंगों को प्राकृतिक रुप में कैसे पाया जा सकता है।
हरा : हरा रंग कॉपर सल्फ़ेट से बनाया जाता है और इसके आंख में चले जाने से आंखों में एलर्जी हो सकती है। हरा रंग प्राकृतिक तौर पर मेहंदी, धनिया पाउडर से और गुलमोहर की सुखी पत्तियों से पाया जा सकता है जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुरक्षित रखना बेहद आसान है।
बैंगनी : होली पर अधकितर प्रयोग किया जाने वाला बैंगनी रंग क्रोमियम आयोडाइड से बनाया जाता है। इससे अस्थमा या एलर्जी का खतरा हो सकता है।
सिल्वर : सिल्वर रंग एल्युमिनियम ब्रोमाइड जो कि एक कारसिनोजेनिक होता है। कारसिनोजेनिक को कैंसर पैदा करने वाले तत्व के रूप में जाना जाता है।
काला : लेड ऑक्साइड से काला रंग बनाया जाता है। इस तत्व से किडनी काम करना बंद कर सकती है और दिमाग की सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। काला रंग प्राकृतिक तौर पर आंवला के पानी से बनाया जा सकता है।
लाल : लाल रंग मरक्यूरी सल्फेट से बनता है और इससे त्वचा कैंसर के अलावा लकवा और दृष्टिदोष हो सकते हैं। लाल और नारंगी रंग पाने के लिए पलाश या टेशु के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। इन फूलों को सुखाकर हल्दी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से नारंगी रंग प्राप्त किया जा सकता है। चुकंदर में लाल रंग भरपूर होता है। अगर आप तरल रंग का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो चुकंदर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
चमकदार : अधिकांश चमकदार रंग जिनमें चमक दिखाई देती है, कांच को पाउडर करके उनमें मिलाया जाता है। इस तरह के रंग त्वचा के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।