गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By स्मृति आदित्य

प्रेम कविता : जब पुकारते हो तुम

फाल्गुनी

Love Poem in Hindi | प्रेम कविता : जब पुकारते हो तुम
इन्द्रधनुषी रंगों की बारिश
होने लगती है
जब पुकारते हो तुम
मुझे मेरे बिगड़े हुए
नाम से,

और नारंगी हो उठती है
अधपके सूरज की किरणें
जब तुम्हारी आँखों की चमक में
अटक जाता है मेरा चेहरा,

उलझ जाती है हवा
मेरे कत्थई बालों से
जब फिसलती है तुम्हारी अँगुलियाँ
सावन की साँवली घटाओं से।

तुम एक सुहाना मौसम हो मेरे लिए।