शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Save Girl Child Poem

अजन्मी बेटी की मार्मिक कविता : मुझको भी दिखला दो पापा

अजन्मी बेटी की मार्मिक कविता : मुझको भी दिखला दो पापा - Save Girl Child Poem
मुझको भी दिखला दो पापा,
दुनिया कितनी प्यारी है।
मां का दर्द सहा नहीं जाए,
वो अबला बेचारी है।
 
भैया के आने पर सबने, 
खूब मिठाई खाई थी।
जब-जब मेरी बारी आई,
घर में विपदा छाई थी।
 
रोई-सिसकी कूड़ेदान में,
कैसी किस्मत मारी है।
मां का दर्द सहा नहीं जाए,
वो अबला बेचारी है।
 
मैं भारत की शान बनूंगी, 
घर-आंगन महकाऊंगी।
सोनचिरैया बनके पापा,
शोहरत खूब कमाऊंगी।
 
सबको तुम बतला दो पापा, 
बिटिया मुझको प्यारी है।
मां का दर्द सहा नहीं जाए,
वो अबला बेचारी है।
 
इक ढोंगी से जंतर पहनी,
झाड़-फूंक करवाई है।
मां ने कंगन बेच-बाचकर,
पूजा-पाठ कराई है।
 
डॉक्टर साब झूठ बोल दो,
सिर पे खड़ी कटारी है।
मां का दर्द सहा नहीं जाए,
वो अबला बेचारी है।
ये भी पढ़ें
आंकड़ों से गरीबी मिटातीं सरकारें...