शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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रोमांचक कविता : जब दूल्हा बन के जाऊंगा...

रोमांचक कविता : जब दूल्हा बन के जाऊंगा... - Poems For Marriage
वह दिन कितना दूर अभी है।


 

 
जब मैं ब्याह रचाऊंगा।।
वह शर्माती बैठी होगी।
मैं उसकी मांग सजाऊंगा।।
 
बाजे होंगे बाराती होंगे।
खुशियों की जब आएगी शाम।।
आनंद-मगन मैं बैठा रहूंगा।
सही जमे ठाठ-बाट।।
 
मंत्रोच्चार के संग ही उसको।
मंगलसूत्र पहनाऊंगा।।
हंसी-ठिठौली होती रहेगी।
मैं धीरे-धीरे शर्माऊंगा।।
 
साली मेरी बहुत प्यारी।
उसपे धाक जमाऊंगा।।