हिन्दी कविता - वसंत
मधुर मधुर बहती हवाएं, छोड़ रही संवाद
प्रकृति छटा बिखेर रही, आया है मधुमास
आया है अनोखा मास, उमंगे उड़ रही हैं
भंवरा गीत सुनाता,कलियां खिल रही हैं
महक रही हैं क्यारी,मच रहा उल्लास
सजी बसंती मचल रही है, होगा अब उत्पात
मधुर मधुर बहती हवाएं, छोड़ रही संवाद
प्रकृति छटा बिखेर रही, आया है मधुमास