दोहा : सच्चाई की अलख जगाई जनता दे दिया साथ॥
विजय पताका हासिल कर ली खा गए सारे मात॥
चौ: जय केजरी कुंवर बलवंता॥ मनीष कुमार और भगवंता॥
सच की टोपी सर पर सोहे॥ मृदु वचन से जनता मोहे॥
पूर्ण वादे को करने वाले॥ लोगों का दुःख रहने वाले॥
भ्रष्टाचार को करो उजागर॥ अत्याचारी की फोड़ो गागर॥
नीति विरोध काम नहीं करते॥ जन जन की पीड़ा तुम हरते॥
लोकपाल जल्दी ले आओ॥ सच की दिल्ली जल्द बनाओ॥
चारो तरफ हुआ नाम तुम्हारा॥ भ्रष्टाचार को तुमने मारा॥
सब गरीब अब सुख पाएंगे॥ उनके दुःख अब दूर जाएंगे॥
बेरोजगार को मिले नौकरी॥ सच्चाई संग ले करे चाकरी॥
जन जन के तुम हो रखवाले॥ सबके प्यारे अलग निराले॥
साधारण खुद ही रहने वाले॥ कभी गलत न करने वाले॥
जय जय जय हे दिल्ली के दाता॥ तुम्हारी रक्षा करे विधाता॥
दोहा :- आम पार्टी रुके कभी न करती रहे उत्थान॥
लालच-दर्प कभी न आए डिगे नहीं ईमान॥
आम पार्टी जिन्दाबाद॥