गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Kavita
Written By

हिन्दी कविता : हालात...

हिन्दी कविता : हालात... - Hindi Kavita
- धीरेन्द्र


 
उसी की आरजू थी और वही पर्दे में बैठी थी 
उसी को जीतने की भी कशिश जज्बे में बैठी थी
 
उसी की है दुआ जो आज मेरी जां में जां आई
अभी जब बंद की आंखें तो मां सजदे में बैठी थी
 
हजारों जिस्म धरती में बराबर होकर के लेटे थे 
वहीं मासूम-सी गर्दन दबी मलबे में बैठी थी
 
कोई बे-आबरू होकर कहीं फांसी पे लटका है
वका-ऐ-जलजला अखबार के चर्चे में बैठी थी
 
कहीं पर हुक्मरानों की जबां कैंची-सी चलती है
कहीं पर ये सियासत ऐंठ के रुतबे में बैठी थी।