गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By Author राकेशधर द्विवेदी

हिन्दी कविता : आम आदमी

हिन्दी कविता : आम आदमी - aam aadmi poem
राशन की दुकान पर
चार घंटे से खड़ा है
यह आम आदमी है।


 
सब्जी वाले से बिना
बात के लड़ा है
यह आम आदमी है।
 
मूंगफली को चिनिया बादाम कह
बच्चों को खिला रहा है
यह आम आदमी है।
 
डालडा वनस्पति में
देशी घी का स्वाद पा रहा है
यह आम आदमी है।
 
दूध के बिल पर
पत्नी से लड़ रहा है
यह आम आदमी है।
 
सुविधा शुल्क के नाम पर
धीरे से रिश्वत दे रहा है
यह आम आदमी है।
 
रोज मरने की तमन्ना करके भी
जी रहा है
यह आम आदमी है।