गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
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Written By स्मृति आदित्य

सीमा व्यास के कथा संग्रह 'क्षितिज की ओर' का विमोचन

कहानी लेखन किसी व्यंजन से कम नहीं- मालती जोशी

सीमा व्यास के कथा संग्रह ''क्षितिज की ओर'' का विमोचन -
'कहानी लेखन के दौरान मैंने महसूस किया है कि कहानी का हर किरदार मेरे भीतर समा जाता है। घटनाएं, किरदारों के साथ मैं भी महसूस करती हूं। उनकी पीड़ा, उनका प्रेम, उनकी खुशी उनका उत्साह सब अनुभव कर पाती हूं।


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उक्त विचार कथाकार सीमा व्यास ने अपने प्रथम कहानी संग्रह 'क्षितिज की ओर' के लोकार्पण अवसर पर व्यक्त किए। प्रीतमलाल दुआ सभाग्रह में आयोजित इस समारोह की गरिमामयी शोभा बढ़ाई सुप्रसिद्ध साहित्यकार मालती जोशी और व्यंग्यकार गोपाल नारायण आवटे ने।

मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कथाकार मालती जोशी ने कहा कि जब भी मैं किसी स्त्री को दो मोर्चे संभालते हुए देखती हूं तो मुझे वह साक्षात अष्टभुजा दुर्गा नजर आती है। पति का सहयोग इसमें नितांत अपेक्षित है। हमारे आसपास कई कहानियां प्रतिक्षण घटित होती है यह कथाकार का कौशल होता है कि वह उन्हें मोती की तरह चुन लें। मेरी नजर में कहानी की सृजन प्रक्रिया किसी व्यंजन से कम नहीं है। थोड़ा सा यथार्थ, थोड़ा सा अनुभव और थोड़ी सी कल्पना का मिश्रण कुशलता से मिलाइए फिर देखिए कहानी का स्वाद कितना मनचाहा होगा। संग्रह की हर कहानी में एक विचार है, आकार लेते रिश्ते हैं और आस्था व्यक्त करते किरदार हैं।

व्यंग्यकार गोपाल नारायण आवटे ने कहानी संग्रह 'क्षितिज की ओर' में प्रकाशित कहानियों की भाषा और कथानक की प्रशंसा की औकहा- जो भी लेखन से जुड़ा होता है उन सबकी एक ही जाति होती है। लेखक का दायित्व है कि वह अपनी सीमाओं से परे जा कर लिखें लेकिन लेखिका ने अपनी सीमाओं का ख्याल रखा है। पाठक की दृष्टि से हर कहानी मन को स्पर्श करती है। बाल मनोविज्ञान और स्त्री विमर्श के लिहाज से हर कहानी श्रेष्ठ बन पड़ी है।

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आरंभ में लेखक एवं कार्टूनिस्ट इस्माइल लहरी ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का स्वाग‍त किया विमलेश व्यास एवं तनुजा शर्मा ने। लेखिका की माताजी निर्मला पंडित ने अपने आत्मीय उद्गार प्रकट किए। संचालन की बागडोर लेखिका ज्योति जैन ने संभाली। आभार व्यक्त किया स्वयं लेखिका सीमा व्यास ने। कार्यक्रम में शहर के कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे।