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Last Updated : बुधवार, 3 दिसंबर 2014 (14:46 IST)

सीआईडी सीरियल के मजेदार जोक्स...

सीआईडी सीरियल के मजेदार जोक्स... - सीआईडी सीरियल के मजेदार जोक्स...
टीवी सीरियल सीआईडी ने डेढ़ दशक से अधिक समय से टेलीविजन की दुनिया में धूम मचा रखी है। सीआईडी की लोकप्रियता के कारण ही इस पर आधारित जोक्स ही बने- जैसे 16 साल हो गए लेकिन एसीपी प्रद्युम्न का प्रमोशन नहीं हुआ। आइए देखते हैं सीआईडी पर कुछ चपटपटे जोक्स।


- गुड मॉर्निंग के बाद आफ्टरनून हुआ है, गुड मॉर्निंग के बाद आफ्टरनून हुआ है, दया यह साधारण मौत नहीं इसका खून हुआ है।

- सीआईडी रिर्टन्स रात के पहलू में चांद सितारे छाए हैं, रात के पहलू में चांद सितारे छाए हैं, मैडम दरवाजा खोलिए हम सीआईडी से आए हैं।

- हार से पहले मैं उम्मीद क्यों छोडू, हार से पहले मैं उम्मीद क्यों छोडू, दया ने कहा सैलरी सबको मिलती है, दरवाजा मैं ही क्यों तोडूं??

- तुम्हारी बीवी की बहनें तुम्हारी साली हैं, तुम्हारी बीवी की बहिने तुम्हारी साली हैं, ACP ने कहा : दया यह पिस्तौल तो खाली है।
- स्वीमिंग पूल में पानी बहुत गहरा है, दया ने कहा : सर लगता है यह आदमी इस होटेल में दूसरे नाम से ठहरा है।

- क्रिकेट के सारे बॉल कैच हुई, क्रिकेट के सारे बॉल कैच हुई, फ्रेडरिक क्या फिंगर प्रिंट मैच हुई।

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- ए फॉर एप्पल, बी फॉर बनाना, कुछ भी हो जाए दया गोली मत चलाना।

- कौन है वह आदमी जिसने यह हरकत की, कौन है वह आदमी जिसने यह हरकत की, दया पता लगाओ की यह बदूंक की गोलियां किसने खत्म कीं।

- न बदूंक से मारो, न बम से मारो, न बदूंक से मारो, न बम से मारो,  दया इस घर का चप्पा-चप्पा छान मारो।

- फ्रेडरिक बोला-  सर लड़की बहुत रंगीन है, फ्रेडरिक बोला सर लडकी बहुत रंगीन है एसीपी प्रद्युम्न बोले कि मामला बहुत संगीन है।

- नेल पैंट लगाया जाता है नेल में, नेल पैंट लगाया जाता है नेल में। एसीपी : अब तुम जिंदगी भर सड़ते रहो जेल में।

- आजकल बच्चों ने पढ़ना छोड़ दिया, आजकल बच्चों ने पढ़ना छोड़ दिया, टॉयलेट में दया ने दरवाजा तोड़ दिया है।

- जिंदगी में आगे बढ़ने से यूं न डरो, जिंदगी में आगे बढ़ने से यूं न डरो, दया जल्दी उस गाड़ी का पीछा करो।

- नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा, नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा, हम हैं सीआईडी से कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा।
- कब से मैं सुन रहा था तुम्हारी बक बक, कब से मैं सुन रहा था तुम्हारी बक बक, ACP: अब बस इंतजार करते रहना, फांसी होने तक।
- मैं नहीं चाहता कि तुम मुझे मझधार में छोड़ दो...देखते क्या हो दया, दरवाज़ा तोड़ दो।

- छोड़छाड़ के अपने सलीम की गली अनार कली डिस्को चली, दया छान मारो यहां का चप्पा-चप्पा गली-गली।

- न दिन को चैन था, न रात को चैन था, न दिन को चैन था, न रात को चैन था,  दया इस खूनी के साथ और कौन-कौन था।

- दिल पागल है तेरे प्यार में पारो, दिल पागल है तेरे प्यार में पारो। दया इस घर का कोना-कोना छान मारो।

- ये काली-काली आंखें ये गोरे-गोरे गाल, ये काली-काली आंखें ये गोरे-गोरे गाल, दया जा के करो इस सस्पेक्ट से कुछ सवाल।

- रामजी अयोध्या के और किशनजी मथुरा के वासी, रामजी अयोध्या के और किशनजी मथुरा के वासी, दया तुरंत लगा दो इस गुनहगार को फांसी।

- लड़की : राहुल मेरा भाई था, दया: क्या राहुल तुम्हारा भाई था? लड़की : हां राहुल मेरा भाई था, ACP: राहुल सच में तुम्हारा भाई था?  लड़की : हां सर सच में राहुल मेरा भाई था,  अभिजीत : इसका मतलब तुम राहुल की बहन हो,  फ्रेडरिक: सर, सर यह लड़की राहुल की बहन है।

- रोग परेशान था रोगी, रोग से परेशान था रोगी, ACP बोला-  किया है तुमने खून तुमको तो फांसी होगी।
- अब तो करो सफाई सारे शहर में गंद है, अब तो करो सफाई सारे शहर में गंद है, अभिजीत : लगता है अंदर कोई नहीं, दरवाजा बंद है।