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Last Updated : मंगलवार, 2 सितम्बर 2014 (20:06 IST)

चाय की चुस्कियों से नहीं आएगा हार्टअटैक

चाय की चुस्कियों से नहीं आएगा हार्टअटैक - चाय की चुस्कियों से नहीं आएगा हार्टअटैक
हमारे देश में मेहमाननवाज़ी के तौर पर चाय पेश करने का चलन आम है। चाय जिसका स्‍वाद दुनिया के करोड़ों लोगों की ज़बां पर चढ़ा हुआ है, स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्‍टि से भी लाभदायक है। किसी कोल्‍डड्रिंक के मुकाबले चाय हृदय के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी फायदेमंद होती है। इन पेय पदार्थों पर किए गए आधुनिक शोध के अनुसार हृदय रोगों से बचने के लिए हमें चाय पीना चाहिए और कोल्‍ड-ड्रिंक्‍स के सेवन से बचना चाहिए।
 
गौरतलब है कि इस शोध के अनुसार शराब को कम मात्रा में सेवन भी हृदय के लिए इतना ही फायदेमंद होता है, बशर्ते कि इसका सेवन पूर्ण रूप से स्‍वस्‍थ व्‍यक्‍ति द्वारा किया जाए। स्‍पेन के बार्सिलोना में हाल ही में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस के दौरान यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा विभिन्‍न पेय पदार्थों के हृदय पर पढ़ने वाले प्रभावों के बारे में कई नए तथ्‍य प्रस्‍तुत किए गए।
 
इसके अलावा फ्रांस में 131,000 लोगों पर किए गए एक शोध के अनुसार चाय के सेवन से होने वाले लाभों का विश्‍लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने चाय और कॉफी से होने वाले लाभों की तुलना की। इस शोध का यह परिणाम प्राप्‍त हुआ कि चाय के सेवन करने वाले लोगों के ब्‍लड प्रेशर या रक्‍तचाप का स्‍तर कॉफी पीने वाले लोगों की अपेक्षा कम होता है। 
 
इस शोध में यह भी पाया गया कि चाय का सेवन करने वाले व्‍यक्‍तियों की जीवनशैली भी कॉफी का सेवन करने वाले व्‍यक्‍तियों की तुलना में अधिक स्‍वस्‍थ होती है। इस शोध के अनुसार चाय का सबसे अधिक लाभ धूम्रपान करने वाले व्‍यक्‍तियों को हृदय रोगों से बचाने के लिए पाया गया।
 
शोधकर्ताओं ने तकरीबन आठ वर्षों तक के लंबे शोध के बाद यह पाया कि इनमें से 95 व्‍यक्‍तियों की मृत्‍यु हृदय रोगों के कारण हुई और अन्‍य 632 व्‍यक्‍तियों की मृत्‍यु अन्‍य किसी कारण के चलते हुई। इस शोध से जुड़े विज्ञानी प्रोफेसर निकोलस डैंचिन का कहना है कि चाय में एंटी-ऑक्‍सीडेंट होते हैं, जो बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं। चाय पीने वालों की जीवनशैली की अधिक स्‍वस्‍थ होती है, जिससे यह प्रश्‍न उठता है कि क्‍या यह चाय का प्रभाव है? निजी तौर पर मैं आपको कॉफी के बजाय चाय का सेवन करने की सलाह दूंगा।
 
चेक गणराज्‍य में किए गए एक अन्‍य शोध में लाल और सफेद शराब पीने वाले 146 व्‍यक्‍तियों पर शोध किया गया। इस शोध में पाया गया कि शराब पीने वाले व्‍यक्‍तियों के कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर कभी नहीं बढ़ता। यह परिणाम ऐसे व्‍यक्‍तियों के संबंध में पाया गया जो सप्‍ताह में कम से कम दो दिन व्‍यायाम करते हैं।
 
इस शोध से जुड़े प्रोफेसर मिलोस तबोर्स्‍की का कहना है कि एथिल अल्‍कोहल की छोटी मात्रा और व्‍यायाम के बीच ऐसी कुछ सहक्रिया होती है, जो हृदय संबंधी रोगों की रोकथाम का कारण बनती है। तीसरा शोध फ्रांस में किया गया। इस शोध में एनर्जी ड्रिंक के साइड इफेक्‍ट्स पर शोध किया गया। 
 
इस शोध में 257 व्‍यक्‍तियों पर शोध कार्य किया गया। इनमें से 95 व्‍यक्‍तियों में हृदय रोगों की समस्‍याओं के लक्षण पाए गए। जिनमें से 8 व्‍यक्‍तियों के मामले में हृदय गति रुकने जैसी गंभीर समस्‍या और 46 मामलों में हृदय गति संबंधी समस्‍याएं पाई गईं।
 
इस शोध से जुड़े प्रोफेसर मिलोउ-डेनियल ड्रिकी का कहना है कि आम लोगों को यह पता होना चाहिए क‍ि व्‍यायाम के दौरान या इसके बाद इस तरह के एनर्जी ड्रिंक्‍स का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके स्‍थान पर अन्‍य स्‍वास्‍यवर्धक पेय पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।
 
आगे उन्‍होंने बताया कि डांस क्‍लब आदि में युवाओं द्वारा इस तरह के एनर्जी ड्रिंक्‍स का सेवन अल्‍कोहल के साथ किया जाता है। इस उनके शरीर पर कैफीन का अत्‍यधिक प्रभाव पड़ता है। कुछ लोग खासतौर से युवा अपने डॉक्‍टर की सलाह लिए बिना ही बड़ी मात्रा में इन ड्रिंक्‍स का सेवन करते हैं। इस तरह के ड्रिंक्‍स से आगे चलकर उन्‍हें हृदय संबंधी समस्‍याओं का खतरा हो सकता है।