एड्स : बचाव के लिए क्या करें-क्या न करें
1 दिसंबर : एड्स जागरूकता दिवस
एड्स के सामान्य लक्षण खांसी लगातार बनी रहना, चमड़ी का इंफेक्शन, हरपीज, ग्लैंड्स का बढ़ना, बार-बार दस्त लगना व ठीक न होना, गले-बगल की ग्रंथियों में सूजन आना, मुंह में खुजली होना, भूख खत्म हो जाना तथा रात में सोते समय पसीना आना आदि।
डॉक्टर लोग इसके लक्षणों को लेकर इसलिए भी भ्रम में रहते हैं, क्योंकि इस प्रकार के लक्षण टी.बी. व पेचिश, डायरिया, मलेरिया जैसी बीमारियों में भी पाए जाते हैं। जरा भी रिस्क न लेते हुए मरीज को तुरंत एचआईवी टेस्ट कराने की सलाह देना चाहिए।
एच.आई.वी.पॉजीटिव एच.आई.वी. पॉजीटिव घोषित हो जाने का तात्पर्य है कि वह व्यक्ति एच.आई.वी. के विषाणु द्वारा संक्रमित हो गया है, परंतु उसमें एड्स के लक्षणों का विकास नहीं हुआ है।
संक्रमित व्यक्ति में एड्स के लक्षणों का विकास संक्रमण के 6 महीने से लेकर 10 साल तक में हो सकता है। लक्षण विकसित होने तक व्यक्ति सामान्यतः स्वस्थ दिखाई देता है पर उसके संपर्क में आने वालों को वह संक्रमित कर सकता है।