जानिए, महकती केशर के सुगंधित गुण
यौनशक्ति बढ़ाता है केशर का नियमित उपयोग
केशर का उत्पत्ति स्थान दक्षिणी यूरोप का स्पेन देश है, जहां से केशर मुम्बई आई है और केशर से पूरे भारत के बाजारों में पहुंचती है, लेकिन स्पेन के अलावा केसर की पैदावार ईरान, फ्रांस, इटली, ग्रीस, तुर्की, फारस और चीन में भी की जाती है।
भारत में, कश्मीर के पम्पूर नामक स्थान पर और जम्मू के किश्तवाड़ नामक स्थान पर केशर की खेती की जाती है।
केशर का उपयोग आयुर्वेदिक नुस्खों में, खाद्य व्यंजनों में और देव पूजा आदि में होता था पर अब पान मसालों और गुटखों में भी इसका उपयोग होने लगा है।
केशर बहुत ही उपयोगी गुणों से युक्त होती है। यह उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति बनाए रखने वाली होती है। जानिए अन्य गुण :
* यह कामोत्तेजक होती है।
* इसे त्रिदोष नाशक माना गया है।
* स्वाद और सुगंध में रुचिकर होती है।
* मासिक धर्म साफ करना इसका महत्वपूर्ण गुण है।
* यह गर्भाशय व योनि संकोचन जैसे रोगों को भी दूर करती है।
* यह त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली है।
* इसे उत्तम रक्तशोधक माना गया है।
* धातु नाशक है।
* स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक है।
* प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली है।
* यह बेहतरीन कफ नाशक का काम करती है।
* आयुर्वेद में इसे मन को प्रसन्न करने वाली माना गया है।
* स्तनों में वृद्धि करती है तथा व स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए दूधवर्द्धक कही गई है।
* मस्तिष्क को बल देने वाली है।
* हृदय और रक्त के लिए हितकारी है।
* खाद्य पदार्थ और पेय को रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है।