गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By WD

मैगी : विवाद के नूडल्स क्यों उलझे, पढ़ें यह खास लेख

मैगी : विवाद के नूडल्स क्यों उलझे, पढ़ें यह खास लेख - maggi noodles side effects
मैगी। हर आम और खास की विशेष पसंद। इस मैगी को बच्चों से ज्यादा उन छात्रों ने पसंद किया है जो अपने घर से दूर शहरों में रहने आते हैं। अचानक नूडल्स इस तरह उलझ गए कि बनाने से पहले सोचना जरूरी हो गया है कि इसे बनाएं या न बनाएं.. विवाद थमता तो नजर नहीं आया उल्टे मैगी की ब्रांड एंबेसेडर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को मिले नोटिस ने और इसे तूल दे दिया।


मैगी नाश्ते के सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर कई सालों से लोगों के जीवन का हिस्सा बनी रही। विज्ञापनों में मैगी को तीन रोटियों के खास गुणों से भरपूर भी बताया जाता रहा है। सभी को बेहतर लगा कि तीन रोटियां खाने में समय बर्बाद करने से अच्छा है मैगी जैसी स्वादिष्ट डिश से पेट भर लिया जाए।
आइए जानें कि विवाद क्या है और क्यों मैगी सेहत के लिए खतरनाक है-   

भारतीय फूड इंस्पेक्टरों की एक टीम ने हाल ही में मैगी नूडल्स को सभी दुकानों से हटाने के निर्देश जारी किए। इसके बाद से ही मैगी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों को लेकर विभिन्न प्रकार के विचार सामने आए। मैगी में खतरनाक मात्रा में लेड होने की बात कही गई। इसके अलावा एमएसजी (MSG) को लेकर भी एक गंभीर मुद्दा सामने आया। 
 
मैगी के विषय में आमतौर पर कोई दो राय नहीं रह गई है कि यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। अगर हाल ही में सामने आए विवाद को एक तरफ रख भी दिया जाए तो भी पैकेज फूड और फास्ट फूड की श्रेणी में आने वाले मैगी के खतरे बने रहते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि न सिर्फ मैगी बल्कि मैगी अन्य उत्पाद जिन्हें कई माह के बाद उपयोग में लाया जा सकता है और जिन्हें पकाने में बहुत कम समय लगता है निश्चित तौर पर स्वास्थ्य पर हानिकारक असर छोड़ते हैं। 
 
ऐसे फूड को प्रोसेस्ड फूड कहते हैं। इन्हें पैक रूप में महीनों अथवा सालों तक रखा जा सकता है जिसका साफ मतलब है कि इनमें काफी मात्रा में प्रेजर्वेटिव (परिरक्षकों) या सरल भाषा में ऐसे पदार्थ डाले जाते हैं जो इनकी उम्र बढ़ा देते हैं। 

मैगी के नूडल्स मैदा के बने होते हैं साथ ही इनमें काफी मात्रा में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होता है। मैगी के मसाले कोलोरेंट के समान हानिकारक केमिकल्स होते हैं। मैगी के नूडल्स को ट्रांस फैट में डीप फ्राय किया जाता है। इस तरह अगर आप इसे बिना चिकनाई वाली डिश समझ रहे हैं तो आप भूल कर रहे हैं। हकीकत यह है कि मैगी के नूडल्स को सामान्य तेल के मुकाबले अधिक हानिकारक ट्रांस फेट से तैयार किया जाता है। 

उत्तर प्रदेश के फूड सेफ्टी और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने रूटिन टेस्ट के दौरान मैगी में लेड की हानिकारक मात्रा पाई गई। एफडीए के दो अधिकारियों ने मैगी को प्रदूषित बताया और उसमें 17.2 भाग हर मिलियन मात्रा { (ppm) parts per million} पाई जो दी गई अनुमति से करीब सात गुना ज्यादा थी। 

एफडीए के अधिकारियों ने माना कि लेड की मात्रा 0.1 ppm से 2.5 ppm तक रखी जा सकती है। लेड के अलावा वैज्ञानिकों को मैगी में काफी अधिक मात्रा में मोनोसोडियम ग्लूटामेट { monosodium glutamate (MSG)} जिसे एमएसजी के रूप में आमतौर पर जाना जाता है मिला। एमएसजी एक स्वाद बढ़ाने वाला तत्व होता है। 

लखनउ एफडीए (FDA) के इंस्पेक्टर जनरल, डी जी श्रीवास्तव, ने समाचार ऐजेंसी रायटर्स (Reuters) को बताया, 'तुंरत तैयार होने वाली मैगी नूडल्स में खतरनाक मात्रा में लेड और एमएसजी होता है। हमें तुंरत ही कंपनी के खिलाफ आदेश पारित करने पड़े।' 
 
आइए जानते है लेड और एमएसजी के विषय में

लेड : लेड के सांस के द्वारा या खाने के रूप में शरीर में अंदर जाने पर स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। लगभर शरीर के हर अंग पर इससे हानि पहुंचती है। सबसे अधिक प्रभावित हिस्सों में नर्वस सिस्टम माना जाता है। लेड में घुलनशील नमक होता है जिससे हर उम्र के लोगों का नर्वस सिस्टम कमजोर होता है और पेट दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं। लेड से उंगलियों, कलाई और पैरों के जोड़ों में कमजोरी आ सकती है। लेड से ब्लड प्रेशर में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही अधिक उम्र वाले लोगों में इससे एनीमिया (खून की कमी) जैसी समस्या खड़ी हो सकती है। अधिक समय तक बढ़ी हुई मात्रा में लेड के शरीर में जाने से दिमाग और किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। गर्भवती महिलाओं में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है इसके अलावा पुरुषों में बांझपन आ सकता है। 

(MSG) एमएसजी  या मोनोसोडियम ग्लूटामेट ( Monosodium glutamate ) : करीब 100 सालों से एमएसजी को खाने का स्वाद बढ़ाने वाले तत्व के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर, मक्खन, आलू, मशरूम और अन्य कई सब्जियों और फलों में प्राकृतिक एमएसजी होता है। इसे बहुत कुछ नमकीन स्वाद का माना जा सकता है। इसके उपयोग से नमक की मात्रा कम की जाती है। एमएसजी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर बहुत सारे अध्ययन किए जा चुके हैं। जिनके अनुसार एमएसजी का कम मात्रा में सेवन शरीर पर किसी प्रकार का हानिकारक प्रभाव नहीं छोड़ता।

परंतु कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनके लिए एमएसजी को जिम्मेदार माना जाता है अगर एमएसजी की मात्रा नियत मात्रा से ज्यादा हो जाए। सिर दर्द और असहज महसूस करना जैसे लक्षण को 'चायनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम' कहा जाता है और एमएसजी को इनके लिए उत्तरदायी समझा जाता है। अनेकों अध्ययन के बाद भी एमएसजी और मोटापे के संबंध पर तथ्यात्मक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सका है। कई वैज्ञानिक इसे अस्थमा के रोगियों के लिए नुकसानदायक मानते हैं।

वहीं दूसरी ओर नेस्ले (मैगी बनाने वाली कंपनी) ने मैगी को सभी दुकानों से वापस बुलाए जाने वाले आदेश के बाद अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नियमित तौर पर कंपनी मैगी के उत्पादन वाली जगहों पर क्वॉलिटी कंट्रोल रखती है। क्वॉलिटी कंट्रोल के तहत विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं जिससे ऐसे भोजन सुरक्षा नियमों ( food safety laws) पर खरा उतरने वाला उत्पाद बनाया जा सके।


कंपनी के अनुसार मैगी में किसी भी प्रकार का एमएसजी नहीं मिलाया जाता। अगर सरकारी टेस्ट के दौरान एमएसजी की मात्रा पाई गई है तो वह मैगी  में इस्तेमाल किए गए प्राकृतिक तत्वों में होने वाला एमएसजी है। 
 
फिलहाल स्थिति यह है कि शहरों के चायनीज नूडल्स सेंटर सूने हो रहे हैं और बच्चे पारंपरिक पौष्टिक नाश्ता खाने में नखरे भी नहीं दिखा रहे हैं। सेहत के लिए यह अच्छा संकेत है लेकिन मैगी के लिए नहीं।
 
(वेबदुनिया सेहत टीम)