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Last Modified: बुधवार, 23 नवंबर 2022 (12:59 IST)

गुजरात चुनाव : लाखों की पसंद बना मोदी का चुनावी नारा, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा?

गुजरात चुनाव : लाखों की पसंद बना मोदी का चुनावी नारा, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा? - will bjp get benifit of new election campign in Gujarat election
नई दिल्ली। हर गुजराती को गुजरात से जोड़ने की कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिया गया चुनावी नारा 'आ गुजरात में बनाव्यु छे' सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 34 लाख से अधिक लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी सेल्फी और वीडियो अपलोड कर इसमें भागीदारी की है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह चुनावी नारा मतदाताओं का दिल जीतने में भी सफल रहा है? क्या इस नारे की बदौलत भाजपा मोदी के गृहराज्य में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने में सफल होगी?
 
गुजरात विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद अपने गृह राज्य में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने गुजराती में नया नारा दिया 'आ गुजरात में बनाव्यु छे' (यह गुजरात मैंने बनाया है)। इतना ही नहीं मोदी ने अपने 25 मिनट लंबे भाषण में लोगों से कई बार यह नारा भी लगवाया।
 
उन्होंने कहा था कि आदिवासी हों या मछुआरे, ग्रामीण हों या शहरी, प्रत्येक गुजराती आज विश्वास से भरा है। इसलिए हर गुजराती कहता है ‘आ गुजरात में बनाव्यु छे (यह गुजरात मैंने बनाया है)’। लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से यह राज्य बनाया है।
 
प्रधानमंत्री के इस नारे के बाद भाजपा की गुजरात इकाई ने अगले दिन इस नारे को चुनाव प्रचार में शामिल कर अभियान चलाने की शुरुआत की थी। अभी तक 34 लाख से अधिक लोग अपनी सेल्फी और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों और ‘नमो ऐप’ पर साझा कर चुके हैं ।
 
भाजपा के एक नेता ने कहा कि यह नारा तुरंत हिट हो गया। कई लोगों को यह 2019 के लोकसभा चुनावों के सुपरहिट नारे ‘मैं भी चौकीदार’ की याद दिलाता है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग वास्तव में नारे की भावना से जुड़े हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह नारा ऑनलाइन के साथ-साथ धरातल पर भी जोरदार हिट साबित हुआ है।
 
बहरहाल भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि रैलियों और रोड शो में पिछली बार की अपेक्षा कम भीड़ दिखाई दे रही है। भाजपा का जोर हारी हुई सीटों पर है तो कांग्रेस गांवों में फोकस कर रही है। आप घर घर दस्तक देकर मतदाताओं को रिझा रही है। मतदाताओं की चुप्पी सभी दलों की धड़कनें जरूर बढ़ा रही है।  
Edited by : Nrapendra Gupta 
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