शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2022
  2. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
  3. न्यूज: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
  4. Modi factor dominates Gujarat election campaign
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 3 दिसंबर 2022 (14:07 IST)

गुजरात चुनाव प्रचार में मोदी फैक्टर रहा हावी, मोदी के अपमान से लेकर मोदी के मेगा रोड शो से लगेगी भाजपा की चुनावी नैय्या पार?

गुजरात चुनाव प्रचार में मोदी फैक्टर रहा हावी, मोदी के अपमान से लेकर मोदी के मेगा रोड शो से लगेगी भाजपा की चुनावी नैय्या पार? - Modi factor dominates Gujarat election campaign
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए आज चुनाव प्रचार खत्म हो रहा है। गुजरात में 5 दिसंबर को दूसरे चरण की 93 सीटों पर मतदान होगा और 8 दिसंबर का चुनाव नतीजें आएंगे। गुजरात में पहले चरण के चुनाव प्रचार के बाद बनासकांठा में चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की सरकार बनने का दावा करते हुए रिकॉर्ड तोड़ जीत का दावा किया है।

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत का दावा कर रहे है तो इसका बड़ा कारण गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक महीने से अधिक चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद मैराथन चुनाव प्रचार करना और भाजपा का पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ना है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले 31 चुनावी रैली और तीन बड़े रोड शो किए। अगर पिछले कुछ राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के चुनावी कार्यक्रम पर नजर डाली जाए तो गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक सबसे अधिक चुनाव प्रचार किया है।  

इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद ने देश के चुनावी इतिहास में सबसे लंबा रोड शो किया। 16 विधानसभा में एक साथ होने वाले नरेंद्र मोदी के इस रोड शो को राजनीतिक विश्लेषक सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से जोड़ते है। ऐसे में जब गुजरात पीएम मोदी के गृहराज्य है और आज भी गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अपने चरम पर है और गुजरात के लोगों का पीएम मोदी के प्रति एक अटूट विश्वास है तब भाजपा ने अपना पूरा चुनावी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही केंद्रित रखा।
चुनाव प्रचार में छाया रहा पीएम मोदी के अपमान का मुद्दा- गुजरात में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के अपमान का मुद्दा छाया रहा है। पहले मणिशंकर अय़्यर और फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रावण वाले बयान को भाजपा ने पीएम मोदी के अपमान में जोड़कर गुजरात के गौरव और गुजराती अस्मिता से जोड़ने की पूरी कोशिश की। वहीं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदो ने भी चुनावी मंचों से अपने अपमान का मुद्दा जोर शोर से उठाया।

दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले भाजपा ने पीएम मोदी के अपमान के मुद्दें को औऱ हवा देते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने मोदी जी को नीच, यमराज और क्या-क्या नहीं कह दिया। इस तरह कांग्रेस के नेता 100 गाली पूरे कर चुके हैं। यह इनकी सोच को दर्शाता है।

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता जिस प्रकार रह-रह कर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए, भाषा और गालियों का प्रयोग कर रहे हैं, हर दिन टीवी में देखने को मिल रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने अपनेआप को गाली देने वाली पार्टी के रूप में स्थापित कर लिया है।

गुजरात में 27 सालों से सत्ता में काबिज भाजपा ने इस बार 182 विधानसभा में 140 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में भाजपा की जीत का पूरा दामोदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधों पर टिका है। गुजरात में 20 सालों से और 2013 के बाद देश की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक है।

अगर पिछले कुछ चुनावों को देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के बल पर चुनाव बिसात के रूख को मोड़ते आए है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 चुनावी रैली और रोड शो में 139 सीटें कवर की थी जिसमें भाजपा ने 96 सीटें जीती थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 142 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिसमें 114 सीटों पर भाजपा जीती थी।

राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि गुजरात में पहले चरण में जिस तरह कम मतदान हुआ है उसने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में जब गुजरात में भाजपा इस बार अब तक की सबसे तगड़ी एंटी इंकंबेंसी फेक्टर और भितरघात की चुनौती से जूझ रही है तब उसकी पूरी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही टिकी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में संभालकर नाक की लड़ाई बने गुजरात में पार्टी की चुनावी नैय्या को पार लगाने की पूरी कोशिश भी की है। 
ये भी पढ़ें
गुजरात चुनाव : त्रिकोणीय मुकाबले में पाटीदारों के हाथ में है सत्ता की चाबी