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Written By समय ताम्रकर

तो 'आनंद' में राजेश खन्ना नहीं, किशोर कुमार होते

तो ''आनंद'' में राजेश खन्ना नहीं, किशोर कुमार होते -
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राजेश खन्ना की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के बारे में पूछा जाए तो ज्यादातर के जवाब होगा- 'आनंद।' यह एक ऐसे इंसान की कहानी थी, जिसकी मौत सामने खड़ी है, लेकिन वह जिंदादिली से हर लम्हा जीता है। राजेश खन्ना ने अविस्मरणीय अभिनय किया था। इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था और राजेश खन्ना 'आनंद' के लिए पहली पसंद नहीं थे।

ऋषिकेश मुखर्जी ने यह फिल्म राज कपूर को ध्यान में रखकर प्लान की थी। राज कपूर एक बार गंभीर रूप से बीमार थे और उन्हें लगा था कि वे मरने वाले हैं, तब ऋषिकेश मुखर्जी को 'आनंद' बनाने का आइडिया आया था। 'आनंद' लंबे समय तक शुरू नहीं हो पाई, जब ऋषिदा ने फिल्म बनाने की सोची तब राज कपूर की उम्र बहुत बढ़ चुकी थी। ऋषिकेश मुखर्जी ने तब यह फिल्म किशोर कुमार को लेकर बनाने की सोची। बाबू मोशाय के किरदार को लेकर उनके दिमाग में मेहमूद थे।

किशोर की जगह राजेश ने कैसे ली... अगले पेज पर


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बाद में ऋषिदा को लगा कि किशोर कुमार की इमेज हास्य अभिनेता की है और दर्शक उन्हें संजीदा रोल में पसंद नहीं करें। वैसे किशोर कुमार को न लिए जाने का एक और किस्सा मशहूर है। उसी दौरान किशोर कुमार का एक 'बंगाली बाबू' से झगड़ा चल रहा था। किशोर कुमार ने अपने घर के गेट पर खड़े चौकीदार को कह दिया था कि बंगाली आए तो उसे बाहर से ही भगा देना।

ऋषिकेश मुखर्जी 'आनंद' के लिए बात करने किशोर के घर पहुंचे। चौकीदार उन्हें ही वह 'बंगाली बाबू' समझ बैठा और ऋषिकेश मुखर्जी को ही बाहर से रवाना कर दिया। ऋषिदा को बहुत बुरा लगा और उन्होंने किशोर कुमार और मेहमूद को लेने का इरादा त्याग दिया। बाद में उन्होंने राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन को साइन कर लिया। दोनों कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया और 'आनंद' की गिनती भारत की महान फिल्मों में होती है।