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Last Modified: सोमवार, 29 सितम्बर 2014 (11:41 IST)

विश्व हृदय दिवस : खतरनाक है दिल के रोगियों का बढ़ना

विश्व हृदय दिवस : खतरनाक है दिल के रोगियों का बढ़ना - विश्व हृदय दिवस : खतरनाक है दिल के रोगियों का बढ़ना
दिल की बीमारी और स्ट्रोक यह दो ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से हर वर्ष सबसे अधिक रोगी मरते हैं। हर वर्ष इन बीमारियों की वजह से मरने वाले रोगियों की संख्या 17.3 दस लाख है और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस विषय की जानकारी देकर लोगों में जागृति लाने के उद्देश्य से ही साल 2000 से विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। 


 
ऐसा अनुमान है कि कार्डियोवैस्क्युलर डिसीज (सीवीडी) बीमारी की वजह से मरने वालों की संख्या 2030 तक हर वर्ष 23 दस लाख तक बढ़ सकती है। ऑस्ट्रेलिया जैसे छोटे से देश की कुल लोकसंख्या से भी यह संख्या बड़ी है। 
 
हर साल 29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' (वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से) मनाया जाता है। 2011 में इस अवसर पर होम हार्ट हेल्थ यह विषय प्रस्तुत किया गया था। इस विषय को ही जारी रखते हुए 2014 में महिलाओं एवं बच्चों में कार्डियोवैस्क्युलर डिसीज (सीवीडी) नामक बीमारी को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे। 
 
एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष तथा प्रबंधक निर्देशक डॉ. रमाकांत पांडा ने कहा कि महिलाएं और बच्चों में पाई जाने वाली कार्डियोवैस्क्युलर डिसीज (सीवीडी) जैसी बीमारी पर ध्यान आकर्षित करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि महिलाओं और बच्चों में यह बीमारी अप्रत्यक्ष रूप से दिखाई देती है। कुछ कारणों की वजह से डॉक्टरों द्वारा महिलाओं और बच्चों में पाई जाने वाली इस बीमारी का निदान पूरी तरह से नहीं किया जाता है। यह कारण इस तरह है- 
 
1. ऐसा माना जाता है कि सीवीडी एक ऐसी बीमारी है, जो वयस्क व्यक्ति और पुरुष रोगियों में पाई जाती है।
 
2. महिलाएं भी सीवीडी की वजह से निर्माण होने वाले धोखे को अधिक महत्व नहीं देती हैं, जबकि हर वर्ष इस बीमारी से होने वाली कुल 17.3 दस लाख मौतों में से आधी रोगी महिलाएं होती हैं। 
 
3. बच्चे यह तय नहीं कर सकते हैं कि उन्हें किस तरह के वातावरण में रहना है और उनके पास दिल के लिए अच्छे वातावरण में रहने के लिए कुछ थोड़े से ही विकल्प होते हैं इसलिए बच्चों में भी इस बीमारी की आशंका पाई जाती है। 
 
दिल की बीमारी और स्ट्रोक की वजह से होने वाली 80 प्रतिशत बे-अवसर मौतें टल सकती हैं, लेकिन इसके लिए तम्बाकू, अस्वास्थ्यकर आहार तथा शारीरिक कसरतों की कमी जैसी आदतों को छोड़ना जरूरी है। 
 
जानिए, निष्क्रिय या अप्रत्यक्ष धूम्रपान से भी बच्चों के दिल पर क्या असर पड़ता है। 
 
• अन्य व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान की वजह से वातावरण में घुलने वाले धुएं से दिल का कार्य, रक्तप्रवाह और रक्तपेशियों के कार्य पर इस तरह से असर होता है कि जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ती है। 
 
• अन्य व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान से थोड़ा-सा भी धुआं शरीर में जाने से रक्त-वाहिकाओं की हानि होकर खून जमने की आशंका होती है। इससे आगे चलकर दिल का जानलेवा दौरा पड़ सकता है। 
 
• अन्य व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान से जो धुआं वातावरण में घुलता है, उसकी वजह से नवजात शिशुओं में (सडन इन्फैंट डेथ सिंड्रोम- नवजात शिशु की अकस्मात मृत्यु का लक्षण) इस बीमारी की आशंका अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती है।