दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार में धनतेरस का बहुत महत्व है। इस दिन व्यापारी धन के देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजन करते हैं एवं दुकान की गादी बदलते हैं। किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त में किया जाता है तो उसका फल भी शुभ आता है।
गादी बदलने का मुहूर्त :
लग्नानुसार- प्रात: कन्या- लग्न 06.00 से 08.10 तक,
धनु-लग्न 10.26 से 12.32 दोपहर तक,
मेष-लग्न शाम 05.23 से 07.03 तक।
चौघड़िया-अनुसार : लाभ-10.30 से 12.00 तक,
अमृत-12.00 दोपहर से 01.30 तक
शुभ- दोपहर 03 से शाम 4.30 तक।
पूजन करने का मुहूर्त
लग्नानुसार : कन्या-लग्न प्रात:06.00 से 08.10 तक,
वृश्चिक-लग्न 08.10 से 10.26 तक,
धनु-लग्न 10.26 से 12.32 तक,
कुंभ-लग्न दोपहर से तक,
मेष- शाम से रात्रि तक,
रात्रि में सिद्धि करने वालों के लिए
देर रात्रि सिंह-लग्न : रात्रि 01.39 से 03.51 तक।
चौघड़िया-अनुसार-
लाभ : सुबह 10.30 से दोपहर 12.00 तक,
अमृत : दोपहर 12.00 से 01.30 तक,
शुभ : दोपहर 03.00 से शाम 04.30,
लाभ : रात्रि 07.30 से 09.00 तक,
शुभ 10.30 से रात्रि 12.00 तक।
देर रात्रि में सिद्धि करने वालों के लिए रात्रि 12.00 से रात्रि 01.30 तक।
विशेष अभिजित मुहूर्त में किसी भी प्रकार की पूजन करने से सफलता प्राप्त होती है जिसका समय है सुबह 11.48 से दोपहर 12.15 तक,रात्रि में 11.45 से 12.15 तक।