सब लोग अपने अपने ढंग से व्याख्या कर रहे है | वास्तविक्ता ये है की क्या 60 साल की समस्याओ का ३ साल में समाधान हो जायेगा ? वर्तमान सरकार से जवाब मांगने में जरा भी देर नहीं लगती तो पिछली सरकारों के समय ये जागरूकता कहा सो जाती थी | कम से कम कोई घोटाला तो नहीं हुआ न जैसे पहले की सरकारों में होता था | देश की आंतरिक सुरक्षा भी तो सुधरी है कोई आतंवादी घंटनाये नहीं घटी | विदेश नीति भी सही चल रही है | जी एस टी आने के बाद मार्किट सुधरने की लिए वक़्त चाहिए पहले मार्किट गुब्बारे की तरह फुला हुआ था अभी का मार्किट ही रियल मार्किट है ,कम से कम इस से टैक्स चोरी तो ख़तम होगी | लोगो को क्या लगता है काला धन इतना आसान है वापस ले आना ? जिसके पास है वही लोग तो इसे असफल बता रहे है | सबसे बड़ी बात है कुछ संघटन और कुछ मीडिया चैनेलो तथा कुछ पढ़े लिखे बुद्धिजीवी जो की पिछली सरकारों के घोटालो के समय चुप्पी साध रखी थी वही ज्यादा हल्ला कर रहे है | इतना बोल्ड स्टेप लेने की हिम्मत क्यो नहीं कर पायी पिछली सरकारे ? कुछ चीजे तो सरकारों को विरासत में मिलती है चाहे वह किसी की भी सरकार हो | क्या काम हुआ या क्या काम नहीं हुआ ,ये सिर्फ सोशल मीडिया में हल्ला या दोषारोपण करने से कुछ नहीं होता भारत की जनता को सब पता है , कहा क्या हो रहा है | वो भी आज के समय में जब सब कुछ सामने है ,कोई किसी को बेवक़ूफ़ नहीं बना सकता या तो पक्ष वाले या बिपक्षी वाले | जनता को कोई बेवक़ूफ़ नहीं बना सकता |