क्रिसमस पर उपहारों का आदान-प्रदान
मेरी क्रिसमस की बेशुमार खुशियां...
लीजिए, क्रिसमस आ गया! प्रेम, करुणा, क्षमा और सद्भावना का संदेश देने वाले ईसा मसीह का जन्मदिन। यूं तो यह विश्व की एक तिहाई आबादी यानी ईसाइयों का त्योहार है, लेकिन क्रिसमस का तिलस्म ईसाइयों तक सीमित नहीं है और क्यों नहीं, आखिर ईसा का संदेश देश, काल, समुदाय, संस्कृति की सीमाओं से परे है। यही कारण है कि क्रिसमस की धूम किसी न किसी रूप में दुनिया भर में मची रहती है।क्रिसमस सिर्फ ईसा के शाश्वत संदेश को याद करने व उनके जन्म की खुशियां मनाने के पर्व तक सीमित नहीं है। विश्व के कई देशों में यह वर्षभर का सबसे बड़ा आर्थिक उत्प्रेरक भी है। इनमें विश्व अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाले अमेरिका, योरप के साथ-साथ अन्य कई देश भी शामिल हैं। जहां नुक्कड़ की दुकानों से लेकर बड़े-बड़े मॉल्स तक में क्रिसमस पर तमाम वस्तुओं की बिक्री सामान्य से कई गुना तक बढ़ जाती है। अनेक छोटी-बड़ी कंपनियां इस अवसर पर अपने नए उत्पाद लांच करती हैं। लुभावने सेल व डिस्काउंट योजनाएं तो होती ही हैं। बिक्री इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि लोग क्रिसमस पर केवल स्वयं के लिए ही खरीददारी नहीं करते बल्कि रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेहियों को भेंट करने के लिए उपहार भी खरीदते हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को उपहार देने के लिए थोक में ऑर्डर देती हैं। क्रिसमस पर जमकर खरीददारी करते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान भी करते ही हैं। पसंद न आने वाले उपहारों की आपस में अदला-बदली कर लेने का चलन भी काफी बढ़ गया है। आपको कहीं से मिला उपहार मुझे पसंद है और मुझे मिल गया है आपकी पसंद का उपहार, तो चलो एक्सचेंज कर लें। आप भी खुश, मैं भी खुश। उपहार देने वालों का कोई नुकसान नहीं हुआ और दुकानदार तो खैर, माल बेचकर खुश है ही। चारों ओर खुशियां फैलाने से बेहतर क्या तरीका होगा क्रिसमस मनाने का!