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गुड फ्राइडे

मनुष्य की मुक्ति की योजना में यीशु का बलिदान

गुड फ्राइडे - गुड फ्राइडे
- बेन्जामिन खान
   
गुरुवार की शाम रात्रि में ढल रही थी और प्रभु यीशु अपने शिष्यों के साथ यरुशलम की उपरौठी कोठरी में अपना अंतिम भोजन कर रहे थे। वे बोले कि यहाँ पर एक सज्जन ऐसा मौजूद है जो हमारे साथ भोजन कर रहा है, मेरे साथ विश्वासघात कर मुझे मेरे शत्रुओं के हाथ पकड़वाएगा।

मुझे तो ईश्वर की योजनानुसार मनुष्य के उद्धार के लिए बलिदान देना अवश्य है, परंतु उस व्यक्ति पर अफसोस। ये वाणी सुनते ही यहुदा इस्कारयोती कमरे से बाहर निकल उन लोगों से जो यीशु को बंदी बनाने का षड्यंत्र रच रहे थे, जा मिला और चाँदी के तीस सिक्कों के बदले प्रभु यीशु मसीह को बंदी बनाने के लिए गेतशमनी बाग की ओर ले चला।

आज की रात्रि में भी वे अपने शिष्यों के साथ प्रार्थना और ध्यान के लिए किन्द्रोन के नाले के इस गेतशमनी नामक बगीचे में उपस्थित थे। आज की रात्रि उनके लिए बहुत भारी थी। परंतु वे बड़े साहस के साथ ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे-'हे ईश्वर यदि आपकी इच्छा हो तो इस प्याले को मुझसे दूर हटा किंतु फिर भी मेरी नहीं, बल्कि आपकी इच्छा पूरी हो।'
 
  मुझे तो ईश्वर की योजनानुसार मनुष्य के उद्धार के लिए बलिदान देना अवश्य है, परंतु उस व्यक्ति पर अफसोस। ये वाणी सुनते ही यहुदा इस्कारयोती कमरे से बाहर निकल उन लोगों से जो यीशु को बंदी बनाने का षड्यंत्र रच रहे थे।      


शुक्रवार की सुबह का पहले पहर जन्म ले रहा था। मंदिर के पहरेदारों के जूतों की आवाज और हथियारों के खनखनाने से टूट रही थी और यहूदा स्कारयोती ने कुछ रोमी सिपाहियों और मंदिर के पहरेदारों को ले गेतशमनी बाग में प्रवेश किया, जिसे देख प्रभु यीशु मसीहके शिष्य घबरा गए। मसीह के शिष्य पतरस ने तलवार निकाली और घबराहट में एक पहरेदार मल्खुस पर हमला कर दिया।

प्रभु यीशु मसीह ने पतरस से कहा 'पतरस, अपनी तलवार म्यान में रखें। क्योंकि जो तलवार चलाते हैं वे तलवार से घात किए जाएँगे।' यहूदा स्कारयोती ने बढ़कर यीशुमसीह का चुंबन किया। ये चुंबन प्रेम की बजाय विश्वासघात का चुंबन था। सिपाही प्रभु यीशु को बंदी बना महापुरोहित के पास उन पर अभियोग लगाने ले गए। धर्मसभा में प्रभु यीशु पर तीन दोषारोपण किए गए।

ये व्यक्ति प्रथम सन्नत के दिन का अनादर करता है, द्वितीय ये कहता है कि यरुशलम के इस मंदिर को जो मनुष्यों के हाथों बनाया गया है, पटा दो और मैं तीन दिन में उसे पुननिर्मित कर दूँगा। झूठे गवाहों को भी खड़ा किया गया।

तीसरा अभियोग यह लगाया गया कि ये व्यक्ति अपने आपको मसीहा ईश्वर का पुत्र कहता है जो गंभीर आरोप था। महायाजक ने उठकर यीशु से पूछा- क्या ये सच है, यीशु ने कहा हाँ। यह सुनते ही महायाजक ने अपने कपड़े फाड़े और कहा- अब किसी और आरोप की आवश्यकता नहीं। मृत्युदंड के लिए यह पर्याप्त है, क्योंकि उस समय रोमी शासन था और मृत्युदंड देना केवल रोमी शासन के अधिकार में था। इसलिए सुबह होते ही यीशु को रोमी राज्यपाल पन्तुस पिलातुस के समक्ष प्राणदंड दिलवाने के लिए ले जाया गया।
आरोपों का विषय धार्मिक से राजनीतिक कर दिया। जो आपकी प्रजा को टैक्स न देने के लिए उभारता और प्रेरित करता है। ये अपने आप को यहूदियों का राजा घोषित कर रोमी राज्य के विरुद्ध विद्रोह के लिए लोगों को उभारता है। पिलातुस ने प्रभु यीशु की ओर देखते हुए कहा- तुम्हें अपनी सफाई में क्या कहना है। यीशु कहने लगे- मैं तो सच का प्रचार करता हूँ। पिलातुस भाँप गया कि यह मनुष्य निर्दोष है। इस पर काइफा और उसके साथी चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगे- कैसर के अतिरिक्त हमारा कोई राजा नहीं और इसे मृत्युदंड दिया जाए।

पन्तुस पिलातुस ने प्रभु यीशु को बचाने की अत्यंत कोशिश की और अंत में कहा कि तुम्हारे धर्मविधान के अनुसार बड़ी ईद के दिन एक आरोपी को मुक्त कर देने का प्रावधान है, अब तुम्ही न्याय करो कि बख्बा जो बड़ा डाकू है या यीशु को मुक्त करूँ। भीड़ ने चिल्लाकर कहा कि बख्बा को छोड़ दो और यीशु को सलीब दो। जब पिलातुस का कोई बस न चला और इस डर से रोम के कैसर को झूठी शिकायत पहुँचे न्याय की कुर्सी से उठ उसने हाथ धोए और कहा- मैं इसे निर्दोष पाता हूँ। इसकी मृत्यु का दोष आपकी कौम परहोगा और यीशु को मृत्युदंड देने की घोषणा कर दी।

सिपाहियों ने प्रभु यीशु के सिर पर काँटों का ताज रखा। मजाक उड़ाकर उन्हें कहा- हे यहूदियों के राजा, प्रणाम और उनके कंधे पर लकड़ी के दो भारी लट्ठ रख क्रूस पर चढ़ाने के लिए सन्तोनियो दुर्ग से कलवरी पहाड़ की ओर कोड़े मारते हुए ले चले।

यहाँ पर कलवरी पहाड़ पर उन्हें हाथों और पाँवों में कीलें ठोंक दो। अपराधियों के मध्य क्रूस पर लटका दिया। इस पर उन्होंने कहा कि 'हे प्रभु, इन्हें क्षमा करो, क्योंकि ये नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं। कितनी पीड़ा, सर पर काँटों का ताज, हाथ-पाँव पर कीलें ठोंक दीं। किसी ने उनके गाल पर थप्पड़ मारा, किसी ने उनके मुँह पर थूका। वे दो लट्ठों को उठाते गिर पड़ते।

उन्हें रोमी सिपाही कोड़े मारते, इस पर होते हुए ये क्षमा की वाणी अद्वितीय है, परंतु यह व्यक्ति तो निर्दोष है। प्रत्येक व्यक्ति अपना क्रूस उठाए हुए है, परंतु जिस व्यक्ति के क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह के क्रूस की छाया पड़ती है वही ईश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाता है। फिर प्रभु यीशु मसीह ने अपनी आँखें ऊपर उठाते हुए कहा- हे परम पिता, हे परम पिता आपने मुझे क्यों त्याग दिया है और इस प्रार्थना के उत्तर में परम पिता ने तीसरे दिन उन्हें पुनर्जीवित किया।

अब दिन के दो बज चुके थे। मनुष्य को पाप से मुक्त करने का कार्य यीशु मसीह के बलिदान में पूरा हो चुका था। प्रभु यीशु मसीह ने ऊँचे स्वर में कहा, 'पूरा हुआ' और सिर झुकाकर अपने प्राण त्यागते हुए कहा, हे परम पिता, मैं अपनी आत्मा आपके हाथों में सौंपता हूँ। बड़े मंदिर का पर्दा फट गया और सूरज की रोशनी जाती रही और सारा क्षेत्र भूकम्प से ग्रस्त हो गया और जान दे दी।

यह वाणी जयघोष की वाणी थी अर्थात शैतान, मृत्यु और पाप मसीह के बलिदान से पराजित हुए। मनुष्य की मुक्ति का कार्य यीशु मसीह के बलिदान से पूराहुआ। अब जो कोई उस पर विश्वास लाए, नष्ट न हो परंतु अनंत जीवन पाए। क्योंकि इस शुक्रवार यीशु मसीह के बलिदान में मनुष्य की मुक्ति की योजना पूरी हुई, इसलिए इस दिन को 'गुड फ्रायडे' कहा जाता है।
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