गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By मनीष शर्मा

स्टाफ से दूर रहना माने सफलता को दूर रखना

स्टाफ से दूर रहना माने सफलता को दूर रखना -
अमेरिका का एक उद्योगपति एक दिन फोर्ड मोटर कंपनी के संस्थापक हेनरी फोर्ड से मिलने उनकी फैक्टरी में पहुँचा। उन दिनों फोर्ड का नाम अपनी कंपनी की दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की के साथ ही उसके कुशल संचालन की वजह से काफी चर्चित था।

उद्योगपति जब फोर्ड के ऑफिस में पहुँचा तो उसे पता चला कि वे फैक्टरी में मजदूरों के साथ काम कर रहे हैं। उसके सूचना भिजवाने पर फोर्ड उससे मिलने आए। उसने फोर्ड से पूछा- आप इतनी बड़ी कंपनी के मालिक होकर यदि अपने मजदूरों के साथ काम करेंगे, तो अनुशासन और आपके सम्मान का क्या होगा।

इस पर फोर्ड मुस्कराकर बोले- श्रीमान, न तो मैं खुद को मालिक मानता हूँ और न ही किसी को मजदूर समझता हूँ। हम हर काम मिल-जुलकर करते हैं, समस्याएँ सुलझाते हैं।

इस अपनेपन के कारण अनुशासन की समस्या ही पैदा नहीं होती और हम सभी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। इसलिए इसकी भी समस्या नहीं। इसके बाद फोर्ड ने उनके आने का कारण पूछा तो उद्योगपति बोला- मैं अपनी फैक्टरी में आए दिन होने वाली हड़ताल से निपटने के लिए आपकी सलाह लेने आया था। वह मुझे ऐसे ही मिल गई।

दोस्तो, हेनरी फोर्ड कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे। इस कारण वे सभी से सीधे संपर्क में रहते थे। उन्हें समस्याएँ लेकर आने वालों से सख्त नफरत थी। उन्हीं के शब्दों में- 'गलतियाँ न ढूँढें, समाधान ढूँढें। शिकायत तो कोई भी कर सकताहै, उसका हल तलाशना हर व्यक्ति के बूते की बात नहीं।'

इस प्रकार कंपनी में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाकर रखने की वजह से ही उन्हें सफलता मिलती गई। अपनी कंपनी की सफलता चाहने वाले हर उद्यमी को फोर्ड से सीखना चाहिए कि कंपनी कैसे चलाई जाती है।

लेकिन मैनेजमेंट से जुड़े अधिकांश लोग अपने स्टाफ से दूरी बनाकर रखते हैं। उन्हें लगता है कि यदि स्टाफ के साथ ज्यादा उठेंगे-बैठेंगे तो वह उसका नाजायज फायदा उठाने लगेगा।

ज्यादा नजदीकी हो गई तो सिर पर चढ़कर न बोलने लगे। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो हम आपको बता दें कि नजदीकी से स्टाफ सिर पर नहीं चढ़ता बल्कि आपको अपने सिर-माथे पर रखता है। आप उसके दिलों पर राज करते हैं और वो आपके कहने पर आपके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाता है। तब वह अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझता है और कंपनी के लक्ष्य को खुद का लक्ष्य मानकर उसे हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करता है।

इस प्रकार एक साथ कई हाथ मिलकर जब एक ही लक्ष्य को पकड़ने के लिए लगते हैं तो वह उन हाथों से बच नहीं पाता। इसलिए अपने स्टाफ से दूरी न बनाएँ, बल्कि दूरियाँ हों तोदूर करें, क्योंकि अपने ही स्टाफ से दूरी बनाकर आप अपनी सफलताओं को अपने से दूर कर लेते हैं। वैसे भी अपने स्टाफ को खुद से छोटा समझने वाले दरअसल छोटी सोच वाले होते हैं और छोटी-मोटी बातों से बचने के चक्कर में छोटी-छोटी बातों में उलझे रहते हैं।

इस कारण वे न बड़ा सोच पाते हैं और न कर पाते हैं। इसलिए सभी को बराबरी का समझें और बराबरी से काम करें। बड़ा सोचते हुए कर्मचारियों की छोटी-छोटी समस्याओं का तुरंत निराकरण करते रहेंगे तो वे समस्याएँ बड़ी नहीं होंगी और आपकी प्रगति में कोई रुकावट नहीं आएगी। आप जहाँ हैं, उससे और आगे बढ़कर और बड़े बनते जाएँगे।

और अंत में, आज हेनरी फोर्ड की जन्मतिथि है। साथ ही 'किस योर कार डे' भी है। कार के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले हेनरी फोर्ड का मानना था कि एक आदर्श व्यक्ति को दूसरों की जिंदगी सँवारने में सहायता करना चाहिए। इससे उसकी भी जिंदगी सँवरती है। इस कारण वे अपने स्टाफ की तरक्की की सोचते और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर देते थे।

इसके बदले स्टाफ भी उन्हें आगे बढ़ाने के लिए जी-जान एक कर देता था। यदि आप भी उनका अनुसरण करेंगे तो आपकी संस्था भी प्रगति करेगी। और यदि आप टीम लीडर हैं, तो आपकी टीम आपकी झोली में एक से बढ़कर एक कामयाबियाँ डालती जाएगी। अरे भई, खुद के मरे बिना स्वर्ग नहीं दिखता।