शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By मनीष शर्मा

बाहर हो शेर तो घर में भीगी बिल्ली क्यों

बाहर हो शेर तो घर में भीगी बिल्ली क्यों -
एक बार दरबार में देर से पहुँचने पर बीरबल ने अकबर को सफाई दी- हुजूर, पत्नी के काम से बाजार चला गया था, इसलिए देर हो गई। बादशाह बोले-क्या जोरू के गुलामों जैसी बात करते हो। इस बात पर दरबार ठहाकों से गूँज उठा। बीरबल भी खीझकर रह गए। बात आई गई हो गई।

कुछ समय बाद बीरबल ने अकबर से एक फरमान जारी करवाया कि किसी भी व्यक्ति का बीबी से डरना साबित हो गया तो वह बीरबल को एक मुर्गा देगा। कुछ ही दिनों में बीरबल के घर में इतने मुर्गे हो गए कि और मुर्गों के लिए जगह नहीं बची। बीरबल ने बादशाह से फरमान वापस लेने की गुजारिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वे बीरबल से बोले कि आप कुछ और बात कीजिए।

बीरबल बोले- जो हुक्म। पता चला है कि पड़ोसी मुल्क की शहजादी एकदम जन्नात की हूर है। आपको उससे निकाह कर मलिका बना लेना चाहिए। अकबर सकपकाते हुए बोले- धीरे बोलो बीरबल। हमें मरवा दोगे। जानते नहीं जनानखाने में एक नहीं दो-दो मलिकाएँ बैठी हुई हैं। तब बीरबल झट से बोले- तो लाइए हुजूर दो मुर्गे। आप तो जोरुओं के गुलाम हैं।

भई, यह भी खूब रही। वैसे यह बात सही है कि आदमी बाहर कितना ही शेर बन ले, घर में तो उसे भीगी बिल्ली बनकर ही रहना पड़ता है, भले ही वह इसे स्वीकार न करे। जैसे कि बंता ठाकुर ने स्वीकार नहीं किया था। जब उससे संता यादव ने पूछा-भई, बंता तू बाहर शेर, लेकिन घर पर भीगी बिल्ली क्यों बनता है। बंता बोला-अरे यार, घर पर भी मैं शेर ही रहता हूँ, लेकिन वहाँ शेर के ऊपर मातारानी सवार हो जाती है। अरे आप हँस रहे हो। क्या अपनी हालत पर। खैर छोड़ो, ये तो चुटकुलेबाजी थी।

हाँ, लेकिन यहाँ सोचने वाली बात यह है कि क्या वास्तव में अधिकतर पतियों की हालत ऐसी होती है या यह सिर्फ मजाक का विषय है। ऊपरी तौर पर तो यह मजाक या हास्य का हिस्सा ही लगता है, लेकिन गहराई में झाँकें तो पता चलेगा कि ज्यादातर पति अपनी पत्नियों के मामले में ऐसा ही करते हैं। यानी बाहर तो शेर और घर में ढेर। अब इसके अच्छे और बुरे, दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। अच्छे इन मायनों में कि जब पति अपनी पत्नी की केयर करता है तो डरता है कि कहीं कोई कमी न रह जाए।

जब वह अपनी व्यस्तताओं के चलते चाहकर भी परिवार के लिए समय नहीं निकाल पाता, तब भी डरता है। यदि आपकी भी ऐसी ही स्थिति है तो हम आपको बता दें कि एक अच्छी पत्नी हमेशा अपने पति की मजबूरियों को समझती है, भले ही यह बात वह जाहिर न करे। ऐसे में आपका डरना व्यर्थ है।

दूसरी ओर, डरने के बुरे कारण भी हैं। जब पति अपनी पत्नी से चोरी-छिपे कोई ऐसा काम करता है जिसे उचित नहीं कहा जा सकता तो उसके अंदर का चोर उसे पत्नी के सामने भीगी बिल्ली बनने या ऐसा अभिनय करने पर मजबूर कर देता है।

यदि आप भी ऐसा ही कुछ कर रहे हैं तो यह गलत है और यह आपकी गलतफहमी है कि आप ऐसा करके अपनी करतूतों को अपनी पत्नी से छिपा लेंगे, क्योंकि बुराई को लाख छिपाओ, वह छिप नहीं सकती। एक न एक दिन भेद खुल ही जाता है। तब आपको और आपके परिवार दोनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए समय रहते सुधर जाएँ ताकि कभी आपके रिश्तों में खटास न आए।

इसके साथ जो पत्नियाँ यह सोचती हैं कि पति को डरा-धमकाकर कंट्रोल में रखने से ही परिवार की गाड़ी सही चल सकती है तो वे भी गलत हैं। ऐसा करने से पति कंट्रोल में नहीं रहता बल्कि कंट्रोल से बाहर हो जाता है। हो सकता है आपके इस व्यवहार के कारण वह ऐसा व्यवहार करता हो जिससे कि आपको लगता हो कि वह आपके कहने में है लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं। इसलिए यदि आप अपने परिवार की खुशहाली चाहती हैं तो अपने पति के साथ अपना रवैया बदलें और फिर देखें कमाल।

और अंत में, आज करवा चौथ है। आज महिलाएँ अपने पति की सलामती के लिए व्रत रखेंगी। गृहस्थी को चलाने में उनका योगदान भी बराबर होता है। ऐसे में पतियों को चाहिए कि वे भी अपनी पत्नियों के लिए कुछ ऐसा करें कि वे प्रसन्न रहें ताकि उनका पारिवारिक जीवन तनाव रहित और खुशहाल बना रहे या बन जाए। जब ऐसा होगा तो फिर किसी पति को अपनी पत्नी से डरने की जरूरत नहीं रहेगी। अब बस। कुछ घर के काम भी कर लूँ वरना बीबी.....। आप समझ ही गए होंगे।