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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 16 मार्च 2012 (17:16 IST)

वित्तीय संस्थानों को 60,000 करोड़ रुपए जुटाने की अनुमति

वित्तीय संस्थानों को 60,000 करोड़ रुपए जुटाने की अनुमति -
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ढांचागत क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संस्थानों को 2012-13 में करमुक्त बांड जारी कर 60,000 करोड़ रुपए जुटाने की अनुमति दी गई है

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2012-13 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि 2011-12 के लिए ढांचागत परियोजनाओं के वित्त पोषण के वास्ते करमुक्त बांडों के जरिए 30,000 करोड़ रुपए जुटाने की अनुमति दी गई थी। मैं 2012-13 में इसे बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव करता हूं।

उन्होंने कहा कि इसमें एनएचएआई के लिए 10,000 करोड़ रुपए, आईआरएफसी के लिए 10,000 करोड़ रुपए, आईआईएफसीएल के लिए 10,000 करोड़ रुपए, हुडको के लिए 5,000 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय आवास बैंक के लिए 5,000 करोड़ रुपए, सिडबी के लिए 5,000 करोड़ रुपए, बंदरगाहों के लिए 5,000 करोड़ रुपए और बिजली क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपए शामिल हैं।

मुखर्जी ने कहा कि पिछले साल घरेलू निवेश वातावरण कई कारणों से प्रभावित हुआ है। यह समय नीतिगत निर्णयों में तेजी लाने और प्रमुख परियोजनाओं को समय पर लागू करने का है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त ढांचागत सुविधाओं की कमी हमारे विकास में एक बड़ी बाधा है। अभी तक जो रणनीति हम अपनाते रहे हैं उसका उद्देश्य पीपीपी माडल के जरिए ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाना रहा है।

मुखर्जी ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ढांचागत निवेश 50 लाख करोड़ रुपए तक जाएगा जिसमें से आधा हिस्सा निजी क्षेत्र से आने की संभावना है। (भाषा)