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श्रीदेवी की मृत्यु से कुछ महीने पहले का इंटरव्यू

श्रीदेवी की मृत्यु से कुछ महीने पहले का इंटरव्यू - Sridevi, Death, Interview, Film, Actress
श्रीदेवी की मौत की खबर से पूरे फिल्म जगत और उनके फैन्स के दिल पर गहरा सदमा लगा है। उनकी फिल्म मॉम के इंटरव्यू के दौरान उनसे बातचीत करने का मौका वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष को मिला। बातचीत के कुछ अंश... 
 
आपका आज को यूथ के बारे में क्या कहना है? 
मेरी फिल्म मॉम में एक डायलॉग है कि हमें उसे समझाने की नहीं बल्कि समझने की ज़रूरत है। मैं ये मानती हूं कि आज की पीढ़ी को हम कुछ समझा नहीं सकते हैं। वो बहुत समझदार हैं। उन्हें सब मालूम है। ये तो हमें समझना होगा कि वे क्या सोचते या चाहते हैं। 
 
आप क्या सोच-समझ कर फिल्म चुनती हैं? 
नहीं। मैं कभी सोच समझ कर कुछ नहीं करती हूं। मैं 15 साल घर पर रही, फिर मैंने इंग्लिश विंग्लिश की क्योंकि मुझे मज़ा आया। इसके बाद मैंने इंग्लिश विंग्लिश की सफलता को एंजॉय किया। फिर मॉम की स्क्रिप्ट सामने आई तो मुझे लगा कि ये एक अच्छी कहानी है तो फिर मैंने वो फिल्म हाथ में ले ली।  


 
आपको अपनी मॉम की कितनी याद आती है? 
मां की याद नहीं करना पड़ती, वो तो हमेशा आपके पास होती है। आप उसे मिस करते हैं या उसके बारे में सोचते रहते हैं। मां और बेटी का प्यार बहुत अनोखा होता है। आप उसकी तुलना किसी से नहीं कर सकते हैं। ये प्यार शब्दों में बयां नहीं हो सकता है। 
 
आपकी मां का मिजाज कैसा था?  
वो कड़क मिज़ाज की कभी नहीं रहीं। वे हमेशा मेरे साथ रही। मैं चाइल्ड स्टार थी। चाहे गर्मी हो, ठंड या बर्फबारी हो या बारिश, उन्होंने कभी नहीं कहा कि मैं थक गई हूं। आज तुम अकेले शूट पर जाओ। वे हमेशा मेरे पास होती थीं और देखती रहती थीं कि मैं ठीक ठाक हूं और काम ढंग से चल रहा है।
 
क्या आप स्ट्रिक्ट मां हैं? 
मैं बैलेंस्ड मां हूं। सरल हूं तो कड़क भी हूं, लेकिन मेरे बच्चे बहुत अच्छे हैं। उन्होंने मुझे कभी इतना परेशान नहीं किया है। शायद इसलिए भी क्योंकि उन्हें मालूम है कि उनकी मां क्या है और कहां से ताल्लुक रखती हैं। साथ ही मुझे भी समझना है कि मैं भी अपने बच्चों की बात को समझ सकूं। ये मेरी पीढ़ी नहीं है। ये नई पीढ़ी है। जैसा मैं अपनी मां के साथ व्यवहार करती थी, मैं इनसे उसी व्यवहार की अपेक्षा नहीं कर सकती। 
 
आप जब अपने आप को स्क्रीन पर देखती हैं तो क्या सोचती हैं? 
हम एक्टर्स बहुत लालची होते हैं। हमारा पेट कभी नहीं भरता। हम कभी नहीं कहते हैं कि अब बस। हमें कभी नहीं लगता कि हमने भी क्या काम किया है। 
 
श्रीदेवी भले ही अब हमारे बीच ना हों लेकिन उन्हें उनकी हंसी, मुस्कान, अभिनय और बड़ी बड़ी आंखों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। 
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