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Written By समय ताम्रकर

बेबी जैसी फिल्म पहली बार की : अक्षय कुमार

बेबी जैसी फिल्म पहली बार की : अक्षय कुमार - Akshay Kumar, Baby
मुंबई स्थित होटल में अक्षय कुमार बेहद प्रसन्न नजर आ रहे थे। उनकी ड्रेस स्टार्स जैसी नहीं थी, लेकिन उनके रिलैक्स मूड की बता रही थी। खिड़की के पास बैठे अक्षय बात करते वक्त बाहर निहारते रहे। आंखों पर उन्होंने रंगीन चश्मा चढ़ा रखा था, लेकिन 'बेबी' के बारे में बात करते समय उनकी आंखों की चमक देखी जा सकती थी। आमतौर पर अक्षय अपनी फिल्मों के बारे में ज्यादा बातें नहीं करते हैं, लेकिन 23 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म 'बेबी' को लेकर उनमें खासा उत्साह नजर आ रहा था। उनकी बातों से लग रहा था कि वे 'बेबी' जैसी फिल्म कर बेहद खुश हैं। भूषण कुमार तथा कृष्ण कुमार द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन नीरज पांडे ने किया है। पेश है अक्षय से बातचीत के मुख्य अंश :
 
नीरज पांडे ने आपके साथ 'स्पेशल 26' जैसी बेहतरीन फिल्म बनाई जो कि आपकी छवि से बिलकुल अलग थी। जब उन्होंने आपको 'बेबी' ऑफर की तो आपने स्क्रिप्ट पढ़ी या नीरज पर विश्वास कर स्क्रिप्ट पढ़े बिना फिल्म साइन कर ली? 
नीरज पर मुझे विश्वास है और उनके कहने पर स्क्रिप्ट भी पढ़ी। पढ़ते ही मुझे लगा कि 'बेबी' एक बेहतरीन फिल्म सिद्ध होगी। आतंकवाद दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है और उसी पर यह फिल्म आधारित है, लेकिन मेरा मानना है कि यह एक ऐसी कहानी है जिस पर बॉलीवुड में पहले कभी फिल्म बनी नहीं होगी। मैंने पहले कभी ऐसी फिल्म नहीं की। पुलिस में या सेना में ऐसे ऑफिसर्स हैं जो बड़ा काम करते हैं तो उन्हें सम्मान मिलता है। तमगे मिलते हैं। लेकिन ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं जो स्पाई हैं या एजेंट हैं। जो आतंक को रोकने का काम चुपचाप करते रहते हैं। वे कई बड़े काम करते हैं, लेकिन उनका पड़ोसी या बीवी तक नहीं जानती कि उन्होंने कितना बहादुरी का काम किया है। ऐसे लोगों की मनोदशा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यदि वे पकड़े जाते हैं तो बोल भी नहीं सकते कि सरकार के लिए काम करते हैं। उन पर फिल्म बनाना नीरज जैसे निर्देशक ही कर सकते हैं। 
 
जैसा कि आपने बताया कि 'बेबी' आतंकवाद के मुद्दे पर आधारित है। सात महीने पूर्व रिलीज आपकी फिल्म 'हॉलिडे' का भी यही विषय था। दोनों फिल्में कितनी अलग या समान हैं?
देखिए, आतंकवाद दुनिया की इतनी बड़ी समस्या है कि कई फिल्में इस पर बनी हैं। हर निर्देशक का नजरिया अलग होता है। मैं पिछले कई दिनों से अखबार पढ़ रहा हूं और आधे अखबार में आतंक की खबरें ही रहती हैं। 'हॉलिडे' और 'बेबी' में केवल यही समानता है कि दोनों फिल्में आतंकवाद पर आधारित है, लेकिन प्रस्तुतिकरण के मामले में दोनों बिलकुल अलग है। इस मुद्दे पर यदि मुझे फिल्म करने को मिलती है तो मुझे अच्छा लगता है। 
 
'बेबी' नाम फिल्म की गंभीरता से मेल नहीं खाता। शायद यही कारण है कि फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे ने फिल्म के नाम को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया कि यह नाम क्यों रखा गया है? 
बेबी‍ नाम एक तरह से सरप्राइज है। इस नाम के कारण ही लोग जानना चाहते हैं कि फिल्म का नाम 'बेबी' क्यों है। यह एक ग्रुप का नाम है। उनका कोड वर्ड है।
आपका फिल्म में क्या किरदार है?
ज्यादा तो नहीं बता पाऊंगा क्योंकि यह एक थ्रिलर मूवी है। मेरे किरदार कवर्ट काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट का एक सदस्य है जो आतंकियों से लड़ता है। 
 
इस फिल्म का आप ज्यादा प्रमोशन करते नजर नहीं आ रहे हैं? 
‍उतना ही प्रमोशन कर रहे हैं जितना जरूरी है। टीवी चैनल्स पर बार-बार जाकर बात को दोहराना बड़ा ऊबाऊ होता है। फिर फिल्म में इतने गाने भी नहीं हैं जिनका प्रमोशन करें। एक गाना है और वो भी डेढ़ मिनट का। लोगों से गुजारिश करूंगा कि गाना आते ही बाहर न जाए क्योंकि फिल्म का एक भी हिस्सा मिस किया तो समझना मुश्किल हो जाएगी।
 
आप एक स्टार हैं। सौ या दो सौ करोड़ क्लब आपके लिए कितना मायने रखते हैं?
मैं ज्यादा तनाव नहीं पालता। मेरा मानना है कि फिल्म ऐसी हो जिससे सबको फायदा हो। सौ या दो सौ करोड़ का बिजनेस करती है तो अच्छी बात है। यदि मेरी फिल्म मंडे टेस्ट में फेल हो जाती है तो दूसरी फिल्म पर काम शुरू कर देता हूं और व्यर्थ की चिंता नहीं करता। 
 
आपके समकालीन स्टार साल में एक या दो फिल्में कर रहे हैं और आप अभी भी पुराने फॉर्मूले के अनुसार चार फिल्में कर रहे हैं। क्या यह सही नीति है?
मुझे तो यही सही लगता है। सबका अपना-अपना दृष्टिकोण है। एक फिल्म की 60 दिन में शूटिंग हो जाती है। चार फिल्में करता हूं तो साल में 240 दिन काम करता हूं। सवा सौ दिन छुट्टी मनाता हूं। इससे ज्यादा छुट्टियां मैं नहीं मना सकता। 
 
पिछले दिनों रिलीज हुई 'पीके' और आपकी फिल्म 'ओह माय गॉड' में काफी समानताएं हैं। इस बारे में कुछ कहना चाहेंगे?
दोनों ही अच्छी फिल्में हैं और विषय भी दोनों का एक ही है। 
 
वर्षों से फिल्में कर रहे हैं। कई तरह की भूमिकाएं की हैं। क्या ऐसी कोई भूमिका है जो आप करना चाहते हैं?
बेबी जैसी फिल्म करने के बाद लगता है कि अभी ऐसे कई रोल हैं जो करना बाकी हैं। 
 
इस समय नरेंद्र मोदी के नाम की चारों ओर चर्चा है। आप क्या कहना चाहेंगे?
नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ हैं। मैं चाहता हूं कि वे 'बेबी' देखें और लोगों को बताएं। नई सरकार से बहुत उम्मीद है और अब तक यह उम्मीदों पर खरी भी उतरी है। हमारा देश आगे बढ़ रहा है।