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Written By समय ताम्रकर

क्या शशि कपूर दादासाहेब फालके पुरस्कार के हकदार हैं?

क्या शशि कपूर दादासाहेब फालके पुरस्कार के हकदार हैं? - Shashi Kapoor, Dada Saheb Phalke Awards
भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड उस इंसान को प्रदान किया जाता है जिसने भारतीय सिनेमा की वृद्धि और विकास के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया हो। भारत के राष्ट्रपति इस पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति को स्वर्ण कमल रूपी पदक, शाल और दस लाख रुपये प्रदान करते हैं। 2014 का यह पुरस्कार फिल्म अभिनेता, निर्माता और निर्देशक शशि कपूर को दिया गया है। अहम सवाल ये है कि क्या शशि कपूर इस पुरस्कार के हकदार हैं?
शशि कपूर उस खानदान से ताल्लुक रखते हैं जिसे हिंदी फिल्मों का पहला खानदान कहा जाता है। पृथ्वीराज कपूर से लेकर तो रणबीर कपूर तक इस खानदान के कई लोगों ने फिल्मों के जरिये मनोरंजन किया है। पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर को दादासाहेब फालके पुरस्कार भी मिला है और शशि कपूर इस खानदान के तीसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। क्या शशि कपूर को इसलिए पुरस्कार के काबिल समझा गया कि वे कपूर खानदान से हैं? लेकिन ये इस पुरस्कार की कभी कसौटी नहीं रहा है। 
 
शशि कपूर ने ऐसी कितनी फिल्में की है जो लोगों को अब तक याद हो। न उनका अभिनय यादगार रहा है। बतौर अभिनेता वे एक सेट से दूसरे सेट पर भागते रहे और महत्वहीन भूमिका निभाते रहे हैं। एक फिल्म निर्देशक ने तो कह दिया था कि वे एक सेट पर तौलिया पहन कर घुसते हैं और दूसरे सेट से पेंट के बटन बंद करते हुए बाहर आते हैं। आखिर कैसे एक अभिनेता अपना काम कर सकता है। 
 
माना कि शशि कपूर बहुत उम्दा अभिनेता नहीं रहे हैं, लेकिन वे चोटी के सितारे भी नहीं रहे। कुछ सोलो हिट फिल्में उन्होंने दी और कई मल्टी स्टारर हिट फिल्मों का हिस्सा वे रहे जिसकी सफलता में उनका योगदान बहुत ज्यादा नहीं रहा। अमिताभ बच्चन जब अपने शिखर के दिनों में थे तब शशि ने उनके साथ कई सुपरहिट फिल्में की जिनकी सफलता में शशि का योगदान बहुत कम था। शशि कपूर से ज्यादा हिट फिल्में तो जीतेन्द्र ने या फिर राजेन्द्र कुमार ने दी होगी। 
 
बतौर निर्माता शशि कपूर ने कुछ उद्देश्यपरक फिल्में बनाई हैं। जुनून, कलयुग, विजेता, उत्सव, 36 चौरंगी लेन जैसी फिल्मों में उन्होंने पैसा लगाया है। पृथ्वी थिएटर्स की स्थापना कर उन्होंने नई प्रतिभाओं को अवसर दिया है। लेकिन क्या इनकी बदौलत ही दादासाहेब फालके पुरस्कार किसी को दिया जा सकता है। 
 
यहां शशि कपूर के काम को कमतर कर नहीं देखा जा रहा है। उन्होंने अपने स्तर पर जो कुछ बन पड़ता था, किया है, लेकिन इतना भी नहीं किया है कि उन्हें इतना बड़ा पुरस्कार दिया जाए।