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Last Modified: शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015 (21:17 IST)

चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को हिदायत

चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को हिदायत - Election commission warns Political Party
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाषणों के दौरान ओछी, अभद्र तथा आक्रामक भाषा के इस्तेमाल पर गहरी चिन्ता तथा क्षोभ व्यक्त किया है और सभी राजनीतिक दलों को आदर्श चुनाव आचार संहिता के ऊंचे मानदंडों का पालन करने की हिदायत दी है।
 
आयोग ने सभी दलों को यह हिदायत ऐसे समय दी है, जब पिछले एक पखवाड़े से राज्य में सभी राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर हमले करते हुए स्तरहीन भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं और चुनाव आयोग से एक-दूसरे की शिकायतें भी कर रहे हैं।
 
आयोग के प्रधान सचिव के. अजय कुमार ने सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों तथा महासचिवों के अलावा बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों तथा महासचिवों को लिखे पत्र में नेताओं के भाषणों में स्तरहीन भाषा के इस्तेमाल को चिंता का विषय बताया है।
 
आयोग ने पत्र में लिखा है कि गत 17 दिसम्बर को ही आयोग ने इस चुनाव के लिए सभी दलों को निर्देश जारी किये थे, लेकिन उनके बाद भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। राजनीतिक भाषणों का लहजा नफरत फैलाने वाला है और सभी पार्टियों तथा लोगों में धर्म, जाति, समुदाय के आधार पर मतभेद पैदा करने वाला है। इन भाषणों में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की नीयत और एक-दूसरे के प्रति गलत इरादे से देखा जा सकता है।
 
आयोग ने कहा है कि चुनाव में इस तरह के भाषण दिए जा रहे हैं की आदर्श चुनाव आचार संहिता में इस तरह के भाषणों की मनाही है।
 
आयोग ने इन सभी राजनीतिक दलों तथा उम्मीदवारों को याद दिलाया है कि संविधान के अनुच्छेद 19(1) ए के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अपने आप में पूर्ण नहीं है और इसका इस्तेमाल इस तरह नहीं होना चाहिए कि नैतिकता और गरिमा का ख्याल न रखा जाए और कानून एवं व्यवस्था भंग हो या एक दूसरे की मानहानि हो या एक दूसरे को भड़काने का अपराध किया जाए। (वार्ता)