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Last Modified: बुधवार, 25 मई 2016 (13:04 IST)

ये मोदी की बीजेपी है, ये पहले जैसी नहीं: सरेशवाला

ये मोदी की बीजेपी है, ये पहले जैसी नहीं: सरेशवाला - zafar sareshwala bjp muslim supporter
- सुशांत एस मोहन (मुंबई)
 
गुजराती व्यवसायी ज़फर सरेशवाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी समर्थक हैं। सरेशवाला को मौलाना आज़ाद उर्दू यूनिवर्सिटी का चांसलर भी बनाया गया है। भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर ज़फ़र सरेशवाला बीबीसी को बताते हैं कि मोदी सरकार ने मुसलमान को एक 'सेंस ऑफ आईडेंटिटी' दी है।
वो कहते हैं, 'इस सरकार ने स्कॉलरशिप का पैसा 90 प्रतिशत तक बढ़ाया, लोगों को बैंक में अकाउंट खोलने की सुविधा दी और बिना 'कोलेट्रल' लोन दिए और इन सभी सुविधाओं का लाभ मुसलमानों को बड़े पैमाने पर मिला।' कोलेट्रल वो संपत्ति या सोना या ऐसी कीमती चीज़ होती है जिसे गिरवी रखकर बैंक लोन देता है। जफ़र इसके बिना लोन मिलने की सुविधा को एक बड़ी बात मानते हैं।
 
वो कहते हैं, 'मुसलमान समुदाय में ज्यदातर लोग सेल्फ़ इंपलॉयड हैं। वो मोबाइल ठीक करने, गैरेज के छोटी वर्कशॉप चलाने, सैलून चलाने जैसे छोटे मोटे काम करते हैं, ऐसे में उन्हें मुद्रा बैंक से लोन मिलना एक बड़ा फ़ायदा था।' ज़फ़र ये दावा करते हैं कि जब 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई उस समय मुसलमानों में डर का माहौल था लेकिन वो आज नहीं है।
असहिष्णुता के मुद्दे पर वो कहते हैं, 'यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इस असहिष्णुता को सड़कों, रेलवे प्लेटफॉर्मों पर नहीं ढूंढ पाएंगे।' कुछ बॉलीवुड सितारों को असहिष्णुता मामले पर निशाना बनाने पर वो कहते हैं- 'योगी आदित्यनाथ, साक्षी महराज जैसे लोगों की बातें बेकार हैं। यह संभव ही नहीं है कि कोई सरकार किसी एक कौम या किसी एक समाज को ही आगे बढ़ाए।'
 
ज़फ़र कहते हैं, 'जब मोदी साहब ने यह कहा कि भारत में सभी को जीने का अधिकार है तो वो जीने का अधिकार हिंदू, मुस्लिम, सिख़, ईसाई सभी को है, किसी एक कौम के लोगों को नहीं।'
 
वो कहते हैं, 'हर राजनीतिक पार्टी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो धार्मिक उन्माद की बातें करते हैं लेकिन क्या ये लोग बातें करने के अलावा कुछ कर सकते हैं, नहीं, क्योंकि यह देश एक संविधान पर चलता है और सरकार उस संविधान का पालन कर रही है।'
 
ज़फ़र संघ और भाजपा के रिश्तों को भी एक अलग नज़र से देखते हैं और मानते हैं कि कुछ एक बातों को छोड़ दें तो संघ और मुसलमानों में ज़्यादा दिक्कतें नहीं हैं।
राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के चांसलर कहते हैं, 'ये वो 90 के दशक की भाजपा नहीं है। यह मोदी की भाजपा है और यहां किसी भी असंवैधानिक तत्व के लिए जगह नहीं है। भाजपा किसी एक मज़हब के लिए काम नहीं कर रही है। वो सबके लिए काम कर रही है जिसका फ़ायदा हिंदू को भी मिलेगा मुसलमान को भी। लेकिन सबको एक बस में चढ़ना होगा, आपके लिए अलग से ट्रेन नहीं चलेगी।'