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Last Modified: बुधवार, 19 जुलाई 2017 (12:09 IST)

ज़्यादा तनाव बढ़ा सकता है पागलपन का ख़तरा!

ज़्यादा तनाव बढ़ा सकता है पागलपन का ख़तरा! - Stress Madness
ज़िंदगी में तनावपूर्ण घटनाओं जैसे बच्चे की मौत, तलाक़ या नौकरी से निकाले जाने का बुरा असर दिमाग पर पड़ता है जो इसे बूढ़ा बना सकता है। अमेरिका की एक रिसर्च टीम ने यह दावा किया है।
 
50 साल की उम्र के 1300 लोगों पर उन्होंने याददाश्त और सोचने की क्षमता जांचने के लिए टेस्ट किया। हालांकि स्टडी में पागलपन के ख़तरे को लेकर ज़्यादा जोर नहीं दिया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि इसके लिए अलग-अलग फ़ैक्टर हो सकते हैं।
 
यह रिपोर्ट लंदन में अलज़ाइमर एसोसिएशन की अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पेश की गई। हालांकि रिसर्च में तनाव और पागलपन के ख़तरे की बात को पुख्ता तौर पर नहीं कहा गया। तनावपूर्ण ज़िंदगी का असर दिमाग के फ़ंक्शन पर होता है जो धीरे-धीरे आदमी को पागलपन की ओर ले जाता है।
 
कमजोर याददाश्त
थ्योरी ये है कि तनाव की वजह से जलन और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं जिसके चलते धीरे-धीरे पागलपन की स्थिति भी बन सकती है। इस मुद्दे पर साउथएंप्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता टेस्ट कर रहे हैं।
 
विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ मेडिसिन यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया कि अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों में दूसरों के मुक़ाबले तनाव का ख़तरा ज़्यादा होता है। मेमोरी टेस्ट में उनका रिजल्ट काफी ख़राब रहा है। दूसरे अध्ययनों में यह भी बताया गया कि शुरुआती ज़िंदगी में लिया गया तनाव और रहने की जगह का असर भी आगे चलकर उन्हें पागलपन की ओर ले जा सकता है।
 
अल्ज़ाइमर सोसायटी के रिसर्च के डायरेक्टर ड। डॉउग ब्राउन ने कहा, "चिंता और तनाव जैसी स्थितियों को अलग-अलग परखना कठिन है। ये सभी धीरे-धीरे पागलपन के ख़तरे को बढ़ाते हैं।"
 
ब्रिटेन में क़रीब 850000 लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। इनमें से आमतौर पर ज़्यादातर लोग 65 साल की उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन इन्हीं में से करीब 42000 लोग ऐसे हैं, जो उनसे कम उम्र के हैं।
 
पागलपन का ख़तरा टालने के टिप्स
1. हफ्ते में कम से कम पांच दिन रोजाना आधे घंटे तक शारीरिक तौर पर एक्टिव रहें।
2. धूम्रपान न करें। अगर करते हों तो छोड़ दें।
3. स्वस्थ और संतुलित खाना खाएं, जिसमें मछली, फल, हरी सब्जियां शामिल हों। रेड मीट और चीनी की मात्रा कम रखें।
4. अगर शराब पीते हैं तो सप्ताह में 14 यूनिट से ज़्यादा न पीयें।
5. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्रॉल और टाइप-2 डायबिटीज़ का ध्यान रखें।
6. स्ट्रोक, हृदय रोग और डायबिटीज़ के ख़तरे से बचने के लिए वजन का भी ध्यान रखें।
7. दिमाग को सक्रिय रखें। वर्ड सर्च, माइंड गेम, नई चीजें सीखने में ध्यान लगाएं।
8. ख़ुद को सामाजिक तौर पर सक्रिय रखें, यानी अकेले रहने से बचें। 
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