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Last Modified: बुधवार, 17 दिसंबर 2014 (11:05 IST)

पेशावर हमला: उसने दिखाया जैसे वो मर चुकी है

पेशावर हमला: उसने दिखाया जैसे वो मर चुकी है - Peshawar Army School
पाकिस्तान के शहर पेशावर में एक स्कूल पर हुए हमले में 132 लोग मारे गए हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे हैं। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने हमले की निंदा की है।

प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी
प्रत्यक्षदर्शी : जैसे ही गोलीबारी शुरु हुई हम कक्षाओं की तरफ भागे। उस समय नौंवी और दसवीं के छात्रों के लिए पार्टी चल रही थी। इसलिए वहां काफी छात्र थे। ऊपरी माले पर 11वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा चल रही थी। मैने हमलावरों को देखा था। वो छह या सात थे। वो हर क्लास में जाकर बच्चों को मार रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शी : जब हमल हुआ तो हम कुर्सी और मेज के नीचे छिप गए। लेकिन उन्होंने हमारे सर पर गोलियां चलाईं और टांगों पर भी। वे लगातार गोलियां चलाते रहे। लेकिन हम हिले नहीं क्योंकि जो भी हिल रहा था वो उस पर गोलियां चला रहे थे। हम टेबल के नीचे ही बैठे रहे।


रिश्तेदारों की जुबानी :
रिश्तेदार : मेरी सहेली की बच्ची बच निकलने में सफल रही। हमला लड़कों के सेक्शन में हुआ था इसलिए वो बच्ची थोड़ी दूरी पर थी। वो किसी तरह अपने भाई को ढूंढने पहुंची पर वो उसे नहीं ढूंढ पाई। वो जिस कमरे में पहुंची वहां गोलीबारी चल रही थी। उसके कपड़े खून से लथपथ थे। उसने दिखाया जैसे वो मर चुकी है ताकि हमलावर चले जाएं। फिर वो पिछले दरवाज़े से भाग निकली।

रिश्तेदार : मेरे बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं जहां हमला हुआ। सुबह हमारे पास फोन आया कि कुछ चरमपंथी स्कूल में घुस गए हैं। मेरा एक बेटा सुरक्षित निकल आया लेकिन एक अंदर ही है। मुझे नहीं पता कि वो सुरक्षित है या नहीं। मेरे रिश्तेदार अस्पतालों में उसे खोज रहे हैं। पता नहीं वो जिंदा है या नहीं।