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Last Modified: शनिवार, 14 नवंबर 2015 (12:31 IST)

पेरिस हमले, इस खौफनाक स्थिति की उम्मीद नहीं थी...

पेरिस हमले, इस खौफनाक स्थिति की उम्मीद नहीं थी... - Peris attacks
पेरिस में हुए हमलों और धमाकों में अब तक 153 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मौत का आधिकारिक आंकड़ा 120 है। बंदूकधारियों ने कई लोगों को बैटाकलां कॉन्सर्ट हॉल में बंधक बना लिया था। इन हमलों के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति फ़्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्र के नाम संदेश में आपातकाल की घोषणा की है। फ़्रांस की सीमा को सील कर दिया गया है।
 
इस हमले के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी को बताया, ''जब मैं अपने घर की खिड़की पर गया तो देखा कि एक व्यक्ति क्लाशिनिकोव राइफ़ल से गोलीबारी कर रहा है। मैं एक कोने पर था और वह व्यक्ति सभी दिशाओं में गोलियां चला रहा था। इस दौरान वहां एक कार आई और गोली चला रहा व्यक्ति उसमें सवार होकर वहाँ से चला गया। वहां तीन युवक और थे जिनकी हत्या इस इस हमलावर ने नहीं की।''
 
उन्होंने बताया, ''इस ख़ौफ़नाक़ स्थिति की उम्मीद मुझे नहीं थी। मैंने देखा कि लोग ज़मीन पर पड़े एक शव के पास जा रहे हैं और मैंने पुलिस को फ़ोन कर दिया। इसके बाद मैं नीचे सड़क पर गया और पाया कि एक रेस्तरा में चार-पांच शव पड़े हुए हैं। वहां कुछ कारें थीं, जिनके ड्राइवर और सवारियां मृत पड़ी थीं।''
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि पुलिस ने सभी लोगों को घर जाने को कहा। मैं घर में बिना बिजली के हूं। कुछ मिनट बाद पुलिस ने मेरा दरवाजा खटखटाते हुए मुझसे पूछा कि क्या वो मेरे अपार्टमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। मैं बाथरूम में रुक गया, क्योंकि वह सबसे सुरक्षित स्थान है। मैं पुलिस का ध्यान भंग नहीं करना चाहता था।''
 
बैटाकलां कन्सर्ट हॉल से बाहर निकल रहे कुछ लोगों ने फ्रांसइफो को बताया कि हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से लोगों पर गोली बरसानी शुरू कर दी। लेकिन वो किसी तरह वहां से निकलने में कामयाब रहे। उन्होंने बताया कि हॉल के अंदर हर जगह ख़ून बिखरा हुआ था।
 
वहीं एक दूसरी जगह हुए हमले के समय बेन ग्रांट अपनी पत्नी के साथ एक बार में बैठे थे। उन्होंने बताया कि ज़मीन पर उन्होंने छह-सात शव देखे हैं। बेन ने बताया कि गोलीबारी एक कार से की गई।
 
उन्होंने कहा, ''वहां बहुत से मृत लोग पड़े हुए थे। मैं बार के पिछले हिस्से में था। मैं कुछ देख नहीं सका। मैंने गोलियां चलने की आवाजें सुनीं। लोग ज़मीन पर गिर गए और बचने के लिए हमने अपने सिर के ऊपर एक मेज को रख लिया।"
उन्होंने कहा, ''हम बार में केवल इसलिए फंस गए थे क्योंकि वहां हमारे सामने लाशों का ढेर लगा था।''
 
लिबरेशन अख़बार ने विनसेंट नाम के एक पत्रकार के हवाले से लिखा है, जो उस समय स्टेडियम में मैच देख रहे थे। वहाँ फ्रांस-जर्मनी के बीच फुटबॉल मैच खेला जा रहा था।
 
उन्होंने अख़बार को बताया, ''हर कोई मैदान पर चला गया। अंतिम सीटी बजने के साथ ही बेचैन लोगों की भीड़ आगे बढ़ने लगी। किसी को पता नहीं था कि बाहर हुआ क्या है। पहले हाफ से पहले हमने धमाके की दो आवाजें सुनीं और उसके बाद एक और धमाका हुआ जो कि पहले से कम था। हाफ टाइम के बाद स्टेडियम के ऊपर एक हेलीकॉप्टर मंडरा रहा था"। स्टेडियम के बाहर धमाके हुए थे।
 
यूरोप-1 के पत्रकार जूलियन प्रिसे बैटाकलां कन्सर्ट हॉल के अंदर थे। उन्होंने बताया, ''कॉन्सर्ट में कुछ हथियारबंद लोग आए। वो दो या तीन लोग थे, उन्होंने नकाब नहीं पहना था। वो क्लानिशिकोव जैसी बंदूक लिए हुए थे। उन्होंने आते ही लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।''
 
उन्होंने बताया, '' यह सबकुछ 10-15 मिनट में ख़त्म हो गया। यह सब कुछ बहुत हिंसक था और वहां भगदड़ मच गई थी। हमलावरों के पास अपने हथियारों में गोलियां भरने के लिए पर्याप्त समय था और उन्होंने कम से कम तीन बार ऐसा किया। वो युवा थे।'
 
वहीं आतंकवादी संगठन हमास और अन्य मुस्लिम संगठन ने इस हमले की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसराइली हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई है।
 
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमले के जिम्मेदार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर पीड़ितों के परिजनों को न्याय दिलाया जाएगा।