भारत सरकार का कहना है कि अब तक नेपाल से 1935 भारतीय नागरिकों को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन काठमांडू एयरपोर्ट पर भारत सरकार के कोशिशों के बावजूद लोगों में बेचैनी और ग़ुस्सा है।
नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की तादाद अब 3000 से ज़्यादा हो गई है लगातार आ रहे ऑफ़्टरशॉक के बाद लोगों में दहशत है और वो किसी भी तरह नेपाल छोड़ना चाहते हैं।
मोहम्मद असलम और प्रदीप 24 घंटों तक एयरपोर्ट पर इंतज़ार करने के बाद अब सड़क के रास्ते वापस भारत लौटने की तैयारी कर रहे हैं। मूल रूप से जयपुर के असलम काठमांडू में गहनों की दुकान चलाते हैं उनकी दुकान को भी नुक़सान हुआ है और अब वो अपने परिवार समेत भारत जाना चाहते हैं, लेकिन 24 घंटे हवाई अड्डे पर बिताने के बावजूद उनको किसी भी विमान पर नहीं चढ़ाया गया अब वो और उनके छ: दोस्त सड़क के रास्ते अपना सामान बांधकर भारत जाने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार से नाराज़ : असलम कहते हैं कि वो मोदी सरकार से बहुत नाराज़ हैं ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि उनको निकालने के लिए कोशिशें नहीं की जा रही हैं।
असलम बताते हैं कि "चीनी दूतावास से लोग आकर बक़ायदा हवाई अड्डे से चीनी नागरिकों को लेकर गए लेकिन भारतीय दूतावास से लोग सिर्फ़ हमें दिलासे दे रहे हैं मानों हमें बेवकूफ़ बना रहे हों।
प्रदीप भी असलम के साथ रविवार को दिनभर हवाई अड्डे पर थे अपना हाथ दिखाते हुए उन्होंने बताया कि उन सबको एक नंबर दिया गया था और कहा गया था कि नंबर आने पर उन्हें विमान में चढ़ाया जाएगा लेकिन उनका नंबर नहीं आया।
आख़िरकार रात में वो हवाई अड्डे से वापस लौट आए हैं और एक मस्जिद के अहाते में रात गुज़ारी है अब वो भी सड़क मार्ग से भारत जाने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रदीप के एक दोस्त ने कहते हैं कि गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी उन लगभग पंद्रह हज़ार लोगों में शामिल हैं जो हवाई अड्डे पर इंतज़ार कर रहे हैं।
एयरपोर्ट पर जगह नहीं : उन्होंने कहा कि वहां पीने के पानी या खाने की भी कोई सुविधा नहीं है। रविवार शाम जब बीबीसी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि राहत सामग्री और बचाव दल को लाने वाले विमानों और हेलिकॉप्टरों से हवाई अड्डा भर गया है।
इसी वजह से व्यवसायिक उड़ानों को लैंड करने की जगह नहीं मिल पा रही है उनके मुताबिक भारत और अन्य देशों से कई उड़ानों ने काठमांडू का रुख किया लेकिन ऊपर ही चक्कर लगाकर वापस लौटना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक अब तक सिर्फ़ तीन उड़ाने यात्री उड़ानें ही भारत से काठमांडू पहुँची थी जो यात्रियों को लेकर भारत लौट चुकी हैं।