शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. France controversial novel
Written By
Last Modified: बुधवार, 7 जनवरी 2015 (18:05 IST)

फ्रांस में 'इस्लामी शासन' की कल्पना

फ्रांस में 'इस्लामी शासन' की कल्पना - France controversial novel
- ह्यू स्कोफील्ड बीबीसी न्यूज

साल 2022 तक फ्रांस का इस्लामीकरण हो जाएगा। देश में मुस्लिम राष्ट्रपति होगा और महिलाओं को नौकरी छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। विश्वविद्यालयों में कुरआन पढ़ाई जाएगी।


यह कहानी है प्रसिद्ध फ्रांसीसी लेखक मीशेल वेलबेक के नए उपन्यास 'सबमिशन' की। बुधवार को रिलीज होने जा रहे इस उपन्यास पर करीब एक हफ्ते से विवाद छिड़ा हुआ है।

उपन्यास में कल्पना की गई है कि फ्रांस में 2022 तक महिलाओं का पर्दा करना अच्छा माना जाएगा और एक से ज्यादा शादी करना कानूनी हो जाएगा।

उपन्यास की कहानी को लेकर बहस छिड़ गई है कि यह सच्चाई बयान करने वाली एक साहित्य कृति है या किताब के शक्ल में इस्लाम विरोधी आतंक को बढ़ावा देने का काम है?

इस्लाम विरोधी : फ्रांस में इस्लाम की पहचान पहले से विवाद का राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है। पिछले साल पहली बार यूरोपीय संघ के चुनाव में अप्रवासन विरोधी नेशनल फ्रंट ने चुनाव जीतकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी।

इसकी नेता मैरीन ले पेन 2017 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों में एक महत्वपूर्ण दावेदार मानी जा रही हैं। इस किताब में मैरीन ले पेन को दौड़ से बाहर रखने के लिए राजनीतिक दलों के करिश्माई नेता मोहम्मद बेन अब्बास के समर्थन में लामबंदी की बात कही गई है।

बौद्धिक विश्वसनीयता : इस उपन्यास की पृष्ठभूमि दक्षिणपंथी पत्रकार एरिक जेम्मूर की सफल किताब 'ले सुसाइड फ्रांकाइस' (फ्रांसीसी आत्महत्या) से प्रभावित जान पड़ती है। जेम्मूर की किताब में भी फ्रांस में इस्लाम के उदय के बरक्स फ्रांस के नैतिक पतन की बात कही गई है।

वेलबेक के आलोचकों का कहना है कि उनकी किताब जेम्मूर और दूसरे 'नव दक्षिणपंथियों' को बौद्धिक विश्वसनीयता प्रदान करती है।

वहीं वेलबेक का कहना है कि उपन्यास का कथानक मानव सभ्यता के केंद्र में मजहब के वापस आने और 18वीं सदी में प्रभावी रहे ज्ञानोदय काल के अंत पर आधारित है।