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Last Modified: गुरुवार, 25 जून 2015 (18:59 IST)

चीन में बिक रहा था 40 साल पुराना गोश्त

चीन में बिक रहा था 40 साल पुराना गोश्त - china meat social media
- केरी ऐलेन (बीबीसी मॉनिटरिंग)
 
चीन में कस्टम के बहु प्रचारित छापों के बाद खाद्य सुरक्षा के स्तर को लेकर एक बार फिर चिंताएं उभर आई हैं। सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार चांग्शा, हुन्नान प्रांत में कस्टम विभाग ने छापे मारकर 'करीब 10.17 करोड़ रुपए कीमत' का 800 टन फ्रोजन मीट जब्त किया है।
पैकेजिंग की तारीख के अनुसार यह मीट 30 या 40 साल पुराना था। ताजा घोटाले के बाद सोशल मीडिया पर फूड हाइजीन के स्तर को लेकर बहस शुरू हो गई है और कुछ लोग सरकार से बेहतर खाद्य सुरक्षा नियम लागू करने की मांग कर रहे हैं। हाल के कुछ सालों में चीन में खाने से जुड़े कई घपले हुए हैं जिनमें 2008 का मेलामाइन दूध वाला मामला भी शामिल है, जिससे करीब 3,00,000 बच्चे प्रभावित हुए थे।
 
'प्रतिरोधक क्षमता' : एक करोड़ लोगों ने 23 जून को शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की खबर पढ़ी जिसका शीर्षक था, 'तस्करी किया हुआ 'मुर्दा गोश्त' आपकी टेबल पर, दोष किसका?'
 
इस लेख में कहा गया है, 'हुन्नान के इतिहास में फ्रोजन खाने की तस्करी का सबसे बड़ा मामला है।' जिसमें '30 से 40 साल पुराना' गोश्त जब्त किया गया है। चांग्शा कस्टम ब्यूरो के पुलिसकर्मी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है, 'यह बदबू मार रहा था। वहां इसका पूरा कंटेनर था। मैंने दरवाजा खोला तो करीब-करीब उल्टी ही कर दी।'
 
इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि 3,000 स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में फ्रोजन बीफ, बतख की गर्दनें और मुर्गे की टांगों को फ्रीजरों में रखने का इंतजाम था जो 'कंटेनरों में पैक थी और उन पर विदेशी भाषा में लिखा हुआ था।'
 
बीस लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें तीन लोग अन्य चीनी प्रांतों से हैं। माना जा रहा है कि यह गोश्त हुन्नान के साथ ही देश भर के अलग-अलग इलाकों में वितरित किया जा रहा था।
 
शिन्हुआ का यह लेख जल्द ही चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइना वीबो पर सबसे ज्यादा पढ़े जाना वाला लेख बन गया। हजारों नेटिजन इसे #स्मगल्डकॉर्प्समीट हैशटैग के साथ इसे शेयर कर रहे थे।
 
कई यूजर्स ने मजाक किया कि 'चीनी लोगों में बहुत पहले से सड़े हुए खाने के लिए प्रतिरोधक क्षमता है।' (यूजर हिपहॉप-2013)। एक यूजर बाइजैन्टाइन एच ने लिखा कि देश ने एक 'एंटीक' खोज निकाला है और 'इसे सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए।'
बढ़ी तस्करी : कई वीबो यूजर्स ने खाद्य सुरक्षा को लागू करने के ढीले नियमों पर गुस्सा भी व्यक्त किया। यूजर 'शिनकाइ वीआईपी' ने लिखा, 'ऐसा एक-दो बार हो चुका है...खाद्य सुरक्षा (नियमन प्राधिकरण) इस समस्या की जिम्मेदारी कब लेगा?'
 
एक और यूजर 'लु शियांग लैंग किंग' ने नियमों को 'पूरी तरह अनियंत्रित' करार दिया और कहा कि 'इसके सबूत हैं कि ड्रग और फूड रेगुलेटरी अथॉरिटी नाकाम हो गई है।'
 
चीन में खाद्य सुरक्षा घोटाले नए नहीं हैं। सबसे ज्यादा चर्चित मामला 2008 का है जब दूषित शिशु भोजन देश भर में वितरित हो गया था जिससे छह शिशुओं की मौत हो गई थी और 3,00,000 अन्य प्रभावित हुए थे।
 
अन्य चीजों के साथ ही उस उत्पाद की आपूर्ति घटने की वजह हाल के सालों में चीन में खाद्य पदार्थों की तस्करी के मामले बढ़े हैं। मार्च 2013 में 45 लोगों को हांगकांग में गिरफ्‍तार किया गया, उन पर मेनलैंड से शिशु भोजन की तस्करी का आरोप था।
 
चीन में खाने की चीजों के बढ़ती कीमतें भी खाद्य पदार्थों की तस्करी की एक मुख्य वजह है। अंग्रेजी में छपने वाले सरकारी अखबार चाइना डेली की खबर के अनुसार अप्रैल 2014 में चलन 'बढ़ रहा' था।

इसने कस्टम विभाग के एक सामान्य प्रशासक को यह कहते हुए उद्धृत किया, 'चीन और अन्य देशों में, जैसे कि कुछ अफ्रीकी और दक्षिणपूर्वी देशों में कीमतों में बड़ा अंतर मुख्यतः तस्करी में तेजी से बढ़ोतरी की वजह बना है।'
 
ऐसा लगता है कि शिन्हुआ की ताजा खबर ने चीनी लोगों की दुखती रग को छेड़ दिया है, क्योंकि इससे यह भी लगता है कि यह समस्या राष्ट्रीय है और इसमें खतरनाक बीमारियों जैसे कि फुट-एंड-माउथ और मैड काउ डिजीज के विषाणु हो सकते हैं।