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Written By BBC Hindi
Last Updated : सोमवार, 23 मई 2022 (10:34 IST)

MP में कथित 'ऑनर किलिंग' का मामला, मामा पर भानजी को ज़हर पिलाने का आरोप

MP में कथित 'ऑनर किलिंग' का मामला, मामा पर भानजी को ज़हर पिलाने का आरोप - Case of alleged honour killing in Madhya Pradesh
- सलमान रावी
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले की पुलिस का दावा है कि रतनपूरिया गांव में हुए कथित ऑनर किलिंग के आरोप में उन्होंने 17 वर्षीय लड़की के मामा और मामा के बेटे को गिरफ़्तार कर लिया है। दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने युवती को जबरन ज़हर पीने पर मजबूर किया जिससे उसकी मौत हो गई।

ज़िले के खिलचीपुर थाने के प्रभारी मुकेश गौड़ का कहना है कि युवती की मृत्यु 18 मई को हुई जबकि 20 मई को उसके मामा और मामा के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पिता-पुत्र ने पुलिस को किया गुमराह
गौड़ कहते हैं कि दोनों लोगों ने ही पुलिस में बयान दर्ज कर कहा था कि युवती ने ख़ुद ज़हर खाकर अपनी जान ले ली।

मगर पुलिस ने इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए फॉरेंसिक साइंस लेब की टीम और फिंगर प्रिंट के विशेषज्ञों की टीम का सहारा लिया। गिरफ्तार लोगों की पहचान अनार सिंह और उनके पुत्र पीरु सिंह के रूप में की गई है।

ये घटना किसी क्राइम थ्रिलर से कम भी नहीं है क्योंकि इससे पहले खारचायाखेडी की रहने वाली इस युवती को अगवा कर बलात्कार करने के आरोप में देवी सिंह नामक व्यक्ति को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ़्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

स्थानीय लोग इसे प्रेम प्रसंग का मामला बताते हैं। उनका कहना है कि देवी सिंह के ख़िलाफ़ युवती के घरवालों ने तब प्राथमिकी दर्ज कराई थी जब वो घर से भाग गई थी चूंकि वो नाबालिग़ थी इसलिए देवी सिंह पर अपहरण और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस का कहना है कि जब पुलिस ने युवती को ढूंढ निकाला तो उन्होंने उसे घरवालों के सुपुर्द कर दिया। हालांकि खिलचीपुर थाने के अधिकारियों का कहना है कि घर वापस लौटने के बाद परिवार के लोगों ने उसे समझाने-बुझाने की कोशिश की।

पुलिस का कहना है कि खारचायाखेडी गांव के लोगों ने उन्हें बताया कि घर लौटने के बाद भी युवती देवी सिंह से ही शादी करने की ज़िद कर रही थी।

मामा युवती को ले गए अपने गांव
थाना प्रभारी का कहना है कि इसी दौरान युवती का मामा और मामा का बेटा आए और वो उसे अपने गांव रतनपूरिया ले गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि मामा और परिवार के लोग युवती पर देवी सिंह को भूलने का दबाव डालते रहे।

खिलचीपुर थाने में दोनों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड विधान की 302, 201 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस सम्बन्ध में पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें कहा गया है कि दोनों अभियुक्तों ने युवती से ये कहकर कि उसने परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है, जबरन ज़हर पिलाया।

शुरू में पुलिस भी इसे आत्महत्या का मामला ही मानकर चल रही थी क्योंकि मामा ने खुद थाने में इस सम्बन्ध में तहरीर दर्ज कराई थी। लेकिन थाना प्रभारी मुकेश गौड़ का कहना था कि जब जांच अधिकारी घटनास्थल पर गए तो उन्हें युवती की लाश देखकर शक हुआ।

थाना प्रभारी कहते हैं, इसके बाद डॉग स्क्वाड, फॉरेंसिक लेब की टीम और फिंगर प्रिंट विशेषज्ञों की टीम ने बारीकी से जांच कर पूरा मामला ही दूसरा पाया जिसमें शक की सुई युवती के मामा और मामा के बेटे पर जा टिकी।

पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में दोनों अभियुक्तों के इक़बालिया बयान को भी दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि दोनों ही अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि परिवार की प्रतिष्ठा की वजह से उन्होंने खुद युवती को ज़हर पिलाया।
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