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Last Modified: सोमवार, 20 जुलाई 2015 (13:33 IST)

ऐप बनेगा आपसी सहमति से सेक्स का 'गवाह'

ऐप बनेगा आपसी सहमति से सेक्स का 'गवाह' - app for consent before sex to avoid false rape claims
बलात्कार के झूठे आरोपों से बचने के लिए एक ऐसा ऐप बनाया गया है जो आपसी सहमति से सेक्स किए जाने का गवाह बनेगा। 'वी-कंसेंट' नाम के इस ऐप के जरिए सेक्स करने से पहले यूजर्स 20 सेकेंड का एक वीडियो क्लिप बनाकर बता सकते हैं कि वो किसके साथ सेक्स करने वाले हैं।

ये ऐप तभी काम करता है जब इसके कैमरे के सामने मानवीय चेहरे आएं और सेक्स करने जा रहे दोनों लोग साफ शब्दों में 'यस' कहते सुने जाएं। लेकिन कुछ लोग इस ऐप के दुरुपयोग की 'आशंका' जता रहे हैं।
 
इंग्लैंड और वेल्स स्थित रेप क्राइसिस नामक सहायता ग्रुप की प्रवक्ता केटी रसेल ने बीबीसी न्यूजबीट से कहा, 'अगर कोई कैमरे के सामने सेक्स के लिए 'यस' कह रहा है तो इसका ये मतलब नहीं है कि उसने अपनी सहमति दे दी। सहमति पूरी आजादी के साथ, पूरी मर्जी से दी जानी जरूरी है।'
 
'वीडियो काफी नहीं' : रसेल मानती हैं कि अगर किसी को डरा-धमका कर वीडियो बनाया गया तो इसका पता नहीं चलेगा, भले ही तेज आवाज में 'यस' कहा गया हो। रसेल कहती हैं, 'एब्यूसिव या कंट्रोलिंग रिलेशनशिप में किसी से 'जबरन सहमति' का वीडियो बनवाया जा सकता है।'
 
ब्रिटेन की ही बात करते हुए वो कहती हैं कि इस ऐप से ऐसा लगता है जैसे ब्रिटेन में बलात्कार के झूठे आरोप लगना आम बात है। जबकि हाल ही में यहां की एक सरकारी संस्था ने अपनी जांच में पाया कि ब्रिटेन में बलात्कार के मामलों में लगे आरोप बहुत कम झूठे होते हैं।
 
इससे पहले भी ऐसे ऐप लॉन्च हो चुके हैं। 'गुडटूगो' नाम के ऐप में कई लोग सेक्स के लिए अपनी मंजूरी दे सकते थे। लेकिन ये पहली बार है जब ऐसी मंजूरी का वीडियो बनाया जा सकता है।
 
डेटा 7 साल तक रहेगा : ऐप बनाने वाले अमेरिकी डेवलपर्स के अनुसार इस ऐप में 'मंजूरी पर विस्तृत बातचीत की गुंजाइश है और इससे गलतफहमियां खत्म करने में मदद मिलेगी।'
 
उनके अनुसार अगर ऐप को लगेगा कि ये मामला सहमति का नहीं है तो वो रिकॉर्डिंग बंद कर देगा और यूजर्स से फिर से ट्राई करने को कहेगा। डेवलपर्स ने बताया है कि इस ऐप के डेटा को इनक्रिप्टेड रूप में 7 साल तक सुरक्षित रखा जाएगा, जो केवल कानूनी संस्थाओं के लिए उपलब्ध होगा।