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Last Modified: मंगलवार, 28 मार्च 2017 (11:58 IST)

अमेरिका: बेटी का सरनेम 'अल्लाह' नहीं रखने दिया

अमेरिका: बेटी का सरनेम 'अल्लाह' नहीं रखने दिया - american Muslims
अमेरिका के राज्य जॉर्जिया में एक दंपति को अपनी बेटी का नाम 'अल्लाह' नहीं रखने दिया गया। अब इस दंपति ने इसके ख़िलाफ़ मुक़दमा किया है। जन स्वास्थ्य विभाग ने एलिज़ाबेथ हैंडी और बिलाल वाक की 22 महीने की बच्ची को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था।

दंपति का कहना है कि उनकी बेटी को आधिकारिक तौर पर बिना नाम के छोड़ देना स्वीकार्य नहीं है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि ज़ैलीख़ा ग्रेसफ़ुल लार्निया अल्लाह नाम की बच्ची का सरनेम हैंडी या वाक या दोनों का मिलाजुला रूप होना चाहिए। अल्लाह अरबी भाषा का शब्द है, जो ख़ुदा या भगवान के लिए इस्तेमाल होता है।
 
अधिकारों का हनन
जॉर्जिया के नागरिक अधिकार संगठन 'दी अमेरिकी सिविल लिबर्टी यूनियन' (एसीएलयू) ने दंपति की ओर से फ़ुल्टन काउंटी सुपीरियर कोर्ट में मुक़दमा दायर किया है। बच्ची के पिता ने अटलांटा जर्नल कांस्टीट्यूशन पत्रिका से कहा कि वो उसे अल्लाह कहकर बुलाते हैं, क्योंकि यह श्रेष्ठ है।
उनका कहना है कि साफ़ तौर पर अधिकारियों की कार्रवाई अनुचित और मेरे अधिकारों का हनन है। वहीं जन स्वास्थ्य विभाग के वकीलों का कहना है कि जार्जिया के नियमों के मुताबिक़, जन्म प्रमाणपत्र के लिए बच्चे का सरनेम या तो उसके पिता का हो या माँ का।
 
इस परिवार को लिखे एक पत्र में अधिकारियों ने कहा है कि ज़ैलीख़ा का सरनेम सुपीरियर कोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर बदला जा सकता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि जन्म से जुड़े काग़ज़ात स्वीकृत हों। इस अविवाहित दपंति का एक बेटा भी है, जिसका नाम मास्टरफ़ुल मोसिरा अली अल्लाह है।
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