- श्वेता पांडेय (मुंबई से)
'संस्कारी' बाबूजी के नाम से मशहूर अभिनेता आलोकनाथ का कहना है कि उन्हें टाइपकास्ट होने का मलाल है और यह उनकी बदकिस्मती है। बीते कई दशकों से 'बाबूजी' का किरदार निभाते आए आलोकनाथ अब एक एडल्ट वेब चैट शो में नजर आने वाले हैं।
इस चैट शो के हिस्सा होने पर अलोकनाथ कहते हैं, 'किरदार तो अभी भी 'बाबूजी' का ही है, बस थोड़ा शरारती हो गया है। एक ही तरह का किरदार करते-करते बोर हो गया था और कुछ नया मिला तो 'हां' कर दिया।'
वो आगे कहते हैं कि यह एक वेब चैट शो होगा, जो तकरीबन दस मिनट का होगा और इसमें कई एडल्ट बातें भी होंगी। अपनी 'संस्कारी' छवि के बारे में कहते हैं कि मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता है कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। मैं एक अभिनेता हूं और काम मिलेगा तो जरूर करूंगा। हालांकि, बीते दो सालों से अपनी छवि को लेकर आलोकनाथ ने कई प्रयोग किए हैं। 59 वर्षीय अभिनेता को दूरदर्शन के धारावाहिक 'बुनियाद' से पहचान मिली।
'बुनियाद' में इन्होंने 'हवेली राम' की भूमिका निभाई थी। इसमें युवा से लेकर बुढ़ापे तक का किरदार निभाया था। इसके बाद आई कई फिल्मों में 'बाबूजी' के साथ 'भ्रष्ट नेता', 'बेईमान आदमी' यानी खलनायक के किरदार भी निभाए, लेकिन उनके निभाए 'बाबूजी' के किरदार ही मशहूर हुए।
इस बारे में आलोकनाथ कहते हैं, 'टाइपकास्ट होने का मलाल है। कोई भी अभिनेता एक ही किरदार में बंधने पर खुश नहीं होता है।' वो आगे कहते हैं कि मैं भी मुंबई हीरो बनने ही आया था।
दिल्ली से चलते वक्त यह नहीं सोचा था कि मैं 50 साल के बुजुर्ग की भूमिका निभाऊंगा। लेकिन जब काम मिलता है और लोग पसंद करते हैं, तो आप को बिना अपनी छवि के बारे में सोचे काम करते जाना होता है। इसके अलावा आपको अपनी जीविका भी चलानी होती है। आपको जो काम मिल रहा है, उसे ना कर दोगे, तो घर कैसे चलेगा।
आलोकनाथ कहते हैं, 'मैं प्रशिक्षित अभिनेता हूं और कोई भी किरदार निभाने की क्षमता है। छोटी उम्र में बड़े उम्र की भूमिका निभा लेना कोई मुश्किल काम नहीं है।'
30 दिसंबर 2013 में अचानक ही वो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे थे। इसके बाद अलोकनाथ ने छवि को लेकर कई तरह के प्रयोग किए। कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में भी वो नज़र आए। इस बारे में पूछने पर कहा कि लोग ज़बरदस्ती तूफान बना रहे हैं। लोगों का काम तो कहना है और वो हर बात पर कुछ न कुछ कहेंगे।
आगे कहते हैं कि यह तो मेरी करियर की आखिरी पारी है और बिना ज्यादा सोच विचार के मैं भूमिकाओं को करना चाहता हूं। जब तक सक्षम हूं काम करता रहूंगा, घर बैठने से अच्छा है, कुछ काम किया जाए।
वहीं हाल ही में आई सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में आलोकनाथ नहीं दिखे। इससे पहले सूरज बड़जात्या की हर फिल्म में आलोकनाथ रहते ही थे, तो इस बार ना होने की कोई खास वजह।
इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि मेरे लिए इस फिल्म में कोई भूमिका ही नहीं थी। इसलिए मैं उस फिल्म में नहीं था। लेकिन मजेदार बात तो यह है कि अभी तक उन्होंने यह फिल्म देखी ही नहीं है।