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Last Modified: सोमवार, 23 मार्च 2015 (14:53 IST)

'जलाई गई औरत ने नहीं जलाया था क़ुरान'

'जलाई गई औरत ने नहीं जलाया था क़ुरान' - afghanistan_lynched_women_innocent
अफगानिस्तान में अपराधिक मामलों की जांच करने वाले महकमे के प्रमुख ने कहा है कि जिस महिला को कुरान जलाने के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला गया था, वह बेकसूर थीं।

गुरुवार को गुस्साई भीड़ राजधानी काबुल में फ़रखंदा नाम की महिला को मस्जिद से बाहर खींच ले गई थी और उसे पीट-पीटकर मार डाला था। उसके बाद उसके शरीर को आग के हवाले कर दिया गया था।

जनरल मुहम्मद जहीर ने कहा है कि जांच के बाद ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित किया जा सके कि फ़रखंदा ने कुरान जलाया था।

सुपुर्दे खाक : फ़रखंदा को रविवार को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की। मानवाधिकारों के लिए लड़ रही संस्थाओं से जुड़े लोगों ने फ़रखंदा के जनाज़े को कंधा दिया।

फ़रखंदा के परिजनों का कहना है कि वह लंबे समय से मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने वारदात की निंदा की थी और कहा था कि किसी भी शख्स को कानून अपने हाथ में लेने का हक नहीं है। उन्होंने पूरे मामले की तफसील से जांच करने के आदेश भी दिए थे।

पाकिस्तान में ईश निंदा के नाम पर लोगों पर हमले अक्सर होते रहते हैं, लेकिन अफगानिस्तान में यह इस तरह का पहला मामला बताया जा रहा है।