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Written By ND

बाँध पी‍ड़ितों के लिए आनंदवन छोड़ा

बाँध पी‍ड़ितों के लिए आनंदवन छोड़ा -
1990 के दशक में बाबा आमटे नर्मदा आंदोलन से जुड़े। मार्च 1990 में उन्होंने बड़े बाँध पी‍ड़ितों की खातिर अपना प्रिय आनंदवन छोड़कर नर्मदा किनारे बसने का फैसला किया।

नर्मदा नदी पर बनने वाले बड़े बाँधों के कारण मप्र के कई क्षेत्र डूब में आ रहे थे। उन्हें बचाने के लिए बाबा ने राजघाट (बड़वानी) के समीप अपनी कुटिया बना ली और डूब पीड़ित परिवारों की खातिर आंदोलन चलाया।

आनंदवन छोड़ते समय उन्होंने कहा था- 'अपने प्रिय आनंदवन से विदा होने का अब समय आ गया है। आनंदवन, जहाँ मैंने आनंद की दुनिया में प्रवेश किया, आनंदवन जो कि मेरे संपूर्ण अस्तित्व का प्रतीक है। मैं जा रहा हूँ, नर्मदा मैया में उस शांति को प्राप्त करने जिसकी अभिलाषा पूरी मानव जाति को है।'