बावरी-सी धुन हो कोई, बावरा एक राग हो
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
मुझे लगता है गीतकार स्वानंद किरकिरे के साथ ऐसा ही हुआ है जिन्हें हाल ही में फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' के गीत 'बंदे में ...
पुरुष स्त्री का बस शोषण करते हैं...
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
वे डरती नहीं। न बोलने से, न लिखने से। मन का लिखने से न कभी अपने को रोका, न टोका। आत्मकथा लिखी। उसमें अपने मन और शऱीर के ...
और आदमी भी वहाँ से दूर नहीं होगा...
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
ब्लॉग की दुनिया में इतने सारे इलाके हैं कि वहाँ जाकर आप कई तरह के अनुभव हासिल कर सकते हैं, कई तरह के सुख और कई तरह के ...
अनुवाद मुझे रचनात्मक संतोष देता है
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
भाषा की चरम कलात्मकता मुझे छूती है और यही कारण है कि खोखें हुई बोर्खेज से लेकर गैब्रियल गार्सिया मार्खेज, आइजक बाशेविस ...
मर्लिन मुनरो की कहानी, उसी की जुबानी
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूँ। मेरा आदमी मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएँ रखता है। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने ...
विचारोत्तेजक है ‘विचारार्थ’ : राजकिशोर का ब्लॉग
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
हिंदी पत्रकारिता के जाने-माने पत्रकार और स्तंभकार राजकिशोर का ब्लॉग विचारार्थ पढ़ते हुए जो बात सबसे पहले ध्यान खींचती ...
जीवन खुद प्रेरणा के लिए बड़ा स्रोत है
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कोलंबिया के महान उपन्यासकार गैब्रियल गार्सिया मार्केज कहते हैं
एक चित्रकार की निगाह से दुनिया देखने की कोशिश
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
सीरज सक्सेना युवा चित्रकार औऱ शिल्पकार हैं। हाल ही में उन्होंने अपना ब्लॉग बनाया है, जिस पर उनके कुछ लेख औऱ कविताएँ ...
सिर चढ़कर बोल रहा है यूरो का जादू
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
वह जादू ही क्या जो सिर चढ़कर न बोले। फुटबॉल ऐसा ही जादू है और यूरो-2008 में इसे सिर पर चढ़कर बोलता हुआ देखा जा सकता ...
डाली : विद्रोही तेवर के शिल्पी
रवींद्र व्यास | शनिवार,नवंबर 1,2014
मैं कभी भी स्पेन नहीं गया, डाली को मैंने कभी रूबरू नहीं देखा, फिर भी डाली ने मुझे विद्यार्थी जीवन से ही प्रभावित किया ...