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ग्रहों के रंग से कैसे बदल सकता है आपका जीवन

ग्रहों के रंग से कैसे बदल सकता है आपका जीवन | graho ke rang
हमारा जीवन प्रकृति और प्रारब्ध के द्वारा संचालित होता है, और भी कई कारण होते हैं लेकिन यहां हम बात करेंगे प्रकृति की और जानेंगे कि कैसे रंग और ग्रह हमारे जीवन को प्राभावित करते हैं। दरअसल, ग्रहों के कारण ही धरती पर तरह तरह की वनस्पतियां, खनिज पदार्थ और तरह तरह की प्राजातियों का जन्म होता है। इसे गहराई से समझने की जरूरत है कि हर ग्रह का अपना एक रंग होता है जिससे धरती प्रभावित होती है।
 
 
1.सूर्य ग्रह
सूर्य का रंग नारंगी, रक्त वर्ण और सुनहरा होता है। सूर्यमुखी जैसे फूल, गेहूं, सिंह, बंदर, पहाड़ी गाय, कपिला गाय, सोना, तेजफल का वृक्ष आदि सभी सूर्य के तेज असर के कारण ही जन्मे हैं।
 
 
ज्योतिष में लाल रंग को मंगल और सूर्य का रंग माना जाता है। यह प्रेम, उत्सा और साहस का रंग है। घर की दीवारों का रंग लाल नहीं होना चाहिए। बेडरूम में चादर, पर्दे और मैट का रंग लाल नहीं होना चाहिए। लाल रंग का प्रयोग बहुत सोच समझकर करना चाहिए। लाल से मिलता जुलता कोई रंग लें।
 
 
2.चंद्रमा
जब हम चंद्रमा को देखने हैं तो वह हमें सफेद रंग का दिखाई देता है, क्योंकि उस पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है जो रिफ्लेकट होता है। यह चंद्रमा हमारी धरती के जल पर सबसे ज्यादा असर डालता है। घोड़ा, दूध, सफेद फूल, चांदी, मोती, पोस्त का हरा पौधा और सभी दूध वाले वृक्ष पर चंद्र का ही सबसे ज्यादा असर होता है।
 
3.मंगल
मंगल ग्रह हमें लाल दिखाई देता है। इसी के कारण समुद्र में मूंगा बनता है। धरती पर जितनी भी लाल जगह है उसमें मंगल का ही असर है। लाल फूल हो या लाल रंग का आदमी। शेर, लाल पत्थर, लाल फूल, ऊंट-ऊंटनी, हिरन, ढाक का वृक्ष और लाल चमकीला पत्थर मंगल के असर के कारण ही है। 
 
ज्योतिष में लाल रंग को मंगल और सूर्य का रंग माना जाता है। यह प्रेम, उत्सा और साहस का रंग है। घर की दीवारों का रंग लाल नहीं होना चाहिए। बेडरूम में चादर, पर्दे और मैट का रंग लाल नहीं होना चाहिए। लाल रंग का प्रयोग बहुत सोच समझकर करना चाहिए। लाल से मिलता जुलता कोई रंग लें।
 
4.बुध
बुध का रंग वैसे तो हरा होता है पर कुछ लोग बुध का रंग श्याम मानते हैं। बकरा, बकरी, भेड़, चमगादड़, केला, पन्ना, चौड़े पत्ते के पौधे या वृक्ष ये सभी बुध ग्रह के असर से हैं। 
 
रहे रंग का प्रयोग मूड को अच्छा करने के लिए होता है। रोमांस में हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। बेडरूम में हल्के हरे रंग का उपयोग कर सकते है। हल्का हरा रंग का दीवारों, पर्दों और चादरों में प्रयोग कर सकते हैं। महिलाएं हरे रंगी की चूढ़ियां पहनती है तब जब हल्की लाल साड़ी होती है। इसी तरह जब भी हरे रंग का प्रयोग करें तो केवल हरे रंग का नहीं। उसके साथ पीले, लाल या गुलाबी रंग का उपयोग करेंगे तो लाभ मिलेगा।
 
 
5.बृहस्पति
यह पीला ग्रह है। आमतौर पर यह छह माह उदित और छह माह अस्त रहता है। जब यह उदित रहता है तब ही मांगलित कार्य होते हैं। मांगलिक कार्यों में पीले और इससे संबंधित रंगों का महत्व रहता है। गुरु पति है, दादा है या पूर्वज। बब्बर शेर, पीपल, सोना और पुखराज पर इसका असर होता है।
 
पीले रंग का संबंध जहां वैराग्य से है वीं यह पवित्रता और मित्रता से भी है। वैवाहिक जीवन में और बेडरूम में पीले रंग का प्रयोग सामान्य रूप से नहीं करना चाहिए। किचन में और बैठक रूप में इस रंग का प्रयोग करें। घर का फर्श पीले रंग कर रख सकते हैं।
 
 
6.शुक्र
शुक्र ग्रह को भोर का तारा कहते हैं जो चंद्रमा के आसपास ही रहता है। शुक्र ग्रह पर जल की अधिकता है अत: उसमें नीले रंग के साथ सफेद ‍भी मिला है। वह ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। इसका ज्योतिष के अनुसार सफेद और गुलाबी रंग होता है। मिट्टी, मोती, कपास का पौधा, बैल, गाय और हीरा पर शुक्र का असर होता है।
 
गुलाबी रंग शुक्र, चन्द्र और मंगल का संयुक्त रंग माना जाता है। किसी के भी बेडरूम की दीवारों के लिए गुलाबी रंग सर्वोत्तम है। पर्दों और चादरों में गहरे गुलाबी रंग का प्रयोग करना चाहिए, लेकिन दीवारों पर हल्के गुलाबी रंग का प्रयोग करें।
 
 
7.शनि
शनि का रंग वैसे तो काला है लेकिन उसे कहीं-कहीं नीला भी कहा गया है क्योंकि उसके वलय में नीला रंग भी शामिल है। गीद्ध, भैंस, भैंसा, लोहा, फौलाद, जूता, जुराब, कीकर, आक, खजूर का वृक्ष और नीलम पर शनि का असर है तभी तो वे हैं। 
 
नीला रंग अध्यात्म और भाग्य से संबंध रखता है। इसके भी सोच समझ कर ही उपयोग करना चाहिए। खालिस नीला रंग उपयोग ना करें। नीले के साथ पीला, सफेद और हल्के लाल रंग का उपयोग कर सकते हैं किसी ज्योतिष से पूछकर। नीले रंग का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करेंगे तो यह जीवन में सफलता देगा।
 
 
8.राहु
राहु का रंग वैसे तो नीला है लेकिन कहीं-कहीं काला भी होता है। कांटेदार जंगली चूहा, नारियल का पेड़, कुत्ता घास, नीलम, सिक्का, गोमेद पर राहु का ही असर होता है।
 
काला रंग आप ना ही उपयोग करें तो बेहतर है लेकिन कई ऐसी जगह होती है जहां काले रंग का प्रयोग अच्छा रहता है। काला रंग बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है यदि आप इसका प्रयोग करना अच्छे से समझ लें। आप कुछ भी कर लें लेकिन काले रंग से नहीं बच सकते। बस समझना यह है कि इसकी उपयोगिता कहां कितनी है और किस दिशा में है।
 
 
9.केतु
केतु का रंग चमकीला होता है, लेकिन इसका खास रंग है चितकबरा या दोरंगा अर्थात काला और सफेद एक साथ। द्विरंगा पत्थर, दुपट्टा, कंबल, ओढ़नी, ध्वज, कुत्ता, गधा, सूअर, छिपकली, इमली का दरख्त, तिल के पौधे और केले पर इसका असर होता है।
 
काला और सफेद दोनों ही रंगों का कहीं कहीं पर समायोजन किया जाता है। जैसे काली पेंट और सफेद शर्ट कभी कभार खास मौकों पर पहनी जा सकती है।

 
10.धरती
धरती का रंग चंद्रमा से नीला दिखाई देता है। क्योंकि इसपर 70 प्रतिशत जल है।
 
नोट: हमारे जीवन में पीले, गुलाबी, सफेद, नारंगी, लाल, हरे और आसमानी रंग की अधिकता होना चाहिए। लेकिन कब कहां और कैसे किस रंग का उपयोग करना चाहिए यह जरूर सीखें। हमें अपने कपड़ों का चयन इन्हीं रंगों के आधार पर करना चाहिए। मकान खरीदें तो गुरु की दिशा उत्तर का ही खरीदे। वास्तु के अनुसार दीवारों को रंगना चाहिए। घर के आसपास यदि पौधे या वृक्ष लगा रहे हैं तो वह भी गुरु, चंद्र और शुक्र के पौधे ही लगाएं और वह भी उचित दिशा का चयन करके।
 
 
यदि आप ऐसा करते हैं तो आपका जीवन बदल जाएगा, क्योंकि रंगों का आपके जीवन में बहुत महत्व होता है। आपने जीवन से सदा के लिए काला, गहरा नीला, कत्थई, एकदम चमकीला, बैंगनी, मेहदी, भूरा, मटमेला आदि जैसे और इनसे मिलते जुलते रंग हटा दें।